दिल्ली से आये सेवादार रमन शर्मा ने मेडिकल कॉलेज में की कैंसर पीड़ित निशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

लखनऊ। नर सेवा नारायण सेवा में आज विजय श्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा मुख्य कार्यकारिणी से दिल्ली के रहने वाले रमन शर्मा ने अपने पूरे परिवार के साथ विजयश्री फाउंउेशन-प्रसादम के माध्यम से मेडिकल कॉलेज लखनऊ में कैंसर और असाध्य रोगों से पीड़ित करीब 300 मरीजों एवं उनके निःसक्त तीमारदारों को अपने हाथों से भरपेट स्वादिष्ट भोजन कराया।

आपने सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए कैंसर एवम असाध्य रोगियों और उनके निःसक्त तिमारदारो की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।

साथियों विजयश्री फाउंउेशन-प्रसादम कार्यकारिणी का अहम हिस्सा रमन शर्मा (दिल्ली) ने असहायों की भोजन सेवा में अपना सतत योगदान करता रहता है। आपके द्वारा निरंतर असहायों की भोजन सेवा की जोत जलाये रखी।रमन शर्मा (दिल्ली) ने अपने सहयोग से इस पुनीत कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया जिससे अपने परिजनों का इलाज कराने आये नि:शक्त तीमारदारों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।

रमन शर्मा (दिल्ली) के द्वारा विजय श्री फाउंडेशन को रैन बसेरे में भी मदद की जाती है। रमन शर्मा (दिल्ली) जी सेवा विचार व्यक्तित्व के धनी हैं, और जरूरतमंद लोगों की संभव मदद करते रहते हैं। कोविड-19 काल के दौरान उन्होंने विजयश्री फाउंडेशन जिसके माध्यम से लाखों से अधिक जरूरतमंद लोगों को सेवा करने में सहायता प्रदान की गयी।
साथियों समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है। अगर अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी सेवा और सहायता न की जाए, तो समाज भला कैसे उन्नति करेगा?

आप अगर किसी भूखे इंसान की भोजन सेवा करते है तो इससे मिलने वाली खुशी का एहसास अनमोल होता है। भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है। सच तो यह है कि सेवा ही असल में मानव जीवन का सौंदर्य और श्रृंगार है।

साथियों नर सेवा नारायण सेवा का यह पुनीत मिशन बिना आप साथियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। अत:आप भी इस पुनीत कार्य में बढ़चकर सहभागी बने।इस अवसर पर विजयश्री फाउन्डेशन,प्रसादम सेवा के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने बताया कि भूख के समान कोई दुःख नहीं क्षुधा के समान कोई रोग नहीं ,अरोग्यता के समान कोई सुख नहीं। इसलिए अन्न दान बहुत पुण्य का कार्य है ।

अन्न दान करने वाला प्राण दाता होता है। इसलिए हमें अपने जन्म दिन के अवसर पर जिस दिन हमें अपने शरीर में प्राण वायु प्राप्त हुयी, हमने जन्म लिया, उस दिन संकल्प ले कि कोई भूखा न रहे। वास्तव में भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है।समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है। यही पुण्यों का फिक्स डिपोजिट है।

फ़ूडमैन विशाल सिंह ने रमन शर्मा (दिल्ली) के सहयोग की सराहना करते हुए मैं परमपिता परमात्मा, मां अन्नपूर्णा एवं मां लक्ष्मी से आपके पूरे परिवार की सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति एवं दीर्घायु की मंगल कामना करता हूं आप सब जीवन में यूं ही मुस्कुराते हुए निःशक्तजनों की मदद कर आनंद की अनुभूति प्राप्त करें यही परमपिता परमात्मा से कामना है।

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