लखनऊ। मित्रों, भारतीय संस्कृति की सेवा-रूपी विरासत को अपने व्यक्तित्व में संजोए हुए, दैनिक जागरण [Inext] के संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री धर्मेंद्र सिंह जी ने अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर निःसक्त तिमारदारों की भोजन सेवा कर उनके आत्मा को आनंदित करने का जो पावन कार्य किया है ,उसके लिए उन असहाय लोगों के दिल से निकली दुआएँ आप तथा आपके परिवार के जीवन में मंगल आशीषों की वर्षा करेंगी।
मित्रों , आज सत्य के पक्ष में सत्ता के समक्ष खड़े हो सत्य , न्याय और समानता की तलाश में सटीकता ,निष्पक्षता और उत्तरदायित्व के मानकों को अपनेआप में संजोए हुए निर्भीक एवं निडर व्यक्तित्व के धनी वरिष्ठ पत्रकार श्री धर्मेंद्र सिंह जी ने अपने पूरे परिवार के साथ अपने के जन्म दिन के शुभ अवसर पर मेडिकल कॉलेज एवं लोहिया हॉस्पिटल , लखनऊ में कैंसर एवम असाध्य रोगियों के निःसक्त तिमारदारो की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।
वरिष्ठ पत्रकार श्री धर्मेंद्र सिंह जी का मानना है, कि मानव समाज में सबसे कमजोर ,दबे ,कुचले ,गरीबों और जरूरतमंद लोगों की सेवा ही असली पूजा है । वास्तव में सेवा भाव है , कर्म नहीं । इस कारण प्रत्येक परिस्थिति में योग्यता ,रूचि तथा सामर्थ्य के अनुसार सेवा हो सकती है।सच्चे सेवक की दृष्टि में कोई भी गैर नहीं हो सकता । यदि ये गरीब नारयण है तो इनकी सेवा के बिना संसार रूपी समुद्र से तरना आसान नहीं हो सकता।
विजय श्री फाउंडेशन के संस्थापक फूडमैन विशाल सिंह ने श्री धर्मेंद्र सिंह जी के जन्म दिन के शुभ अवसर भोजन सेवा के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विनम्रता मनुष्य के व्यवहार को उजागर करती है। जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं।
इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में श्री धर्मेंद्र सिंह जी ने प्रतिभाग करते हुए गरीब, असह्य, भूख से तडफते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है , इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि आप और आपका परिवार हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे। यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।