लखनऊ। अभय जैन एवं सारिका के वैवाहिक वर्षगाठ की मंगल वेला पर सुनील जैन ने अपने पूरे परिवार के साथ सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए मेडिकल कॉलेज, लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगियों के निःशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।
मित्रों , वैवाहिक वर्षगाठ को सेवा दिवस के रूप में मनाते हुए गरीब, असहाय एवं भूख से तड़पतें लोगों की भोजन सेवा कर उन्हें आनंदित देखकर अभय जैन , सारिका एवं श्री सुनील जैन के चहरे पर संतोषम परम सुखम के भाव ने अपने कलेवर में बरबस ही बाबा तुलसी के इन पंक्तियों की तरफ ध्यान आकर्षित करा दिया कि-“सिर भर जाऊ उचित यह मोरा, सबते सेवक धरम कठोरा”- रामचरितमानस
इस खास पल में फूडमैन विशाल सिंह ने पूरे प्रसादम परिवार की तरफ से अभय जैन एवं सारिका को वैवाहिक वर्षगांठ की मंगल बेला पर शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही विशाल सिंह ने वैवाहिक वर्षगांठ की मंगल बेला पर प्रसादम सेवा यज्ञ में अन्न की आहुति देने के लिए सुनील जैन को कोटि कोटि धन्यवाद देते हुए कहा कि मां अन्नपूर्णा से मैं प्रार्थना करता हूं कि आपका परिवार हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहे।
महल हो या जंगल ‘सियारामजी’ मिलकर रहते हैं,
सुख-दुःख के साथी हैं दोनों, गिरते और संभलते हैं।।