लखनऊ: विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में रवि तिवारी एवं श्वेता तिवारी ने अपने पूरे परिवार के साथ सेवा धर्म की पावन मंदाकिनी में डुबकी लगाते हुए मेडिकल कॉलेज, लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगियों के निःशक्त तीमारदारो की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।
सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है, जिसे मानव सहजता से अपने जीवन में अंगीकार कर सकता है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर हमारे अंतिम सेवा काल तक सेवा ही एक मात्र ऐसा आभूषण है, जो हमारे जीवन को सार्थक सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। हम सभी को चाहिए कि सेवा के इस महत्व को समझें व दूसरों को भी इस ओर जागरूक करने की पहल करें।
मैं फूडमैन विशाल सिंह, रवि तिवारी एवं श्वेता तिवारी को प्रसादम सेवा यज्ञ में अन्न की आहुति देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ और आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन। मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि आप और आपका परिवार हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहे, आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे, यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।
“आत्मवत् सर्वभूतेषु ” की भावना से दूसरे का सुख दुःख अपना सुख दुःख हो जाता है, पर की भेद दृष्टि ही नही रहती ,इस अवस्था में हमारी समस्त चेष्टाएँ सेवा रूप हो जाती है और किसी की भी सेवा स्वयं सेवा होती है। यह मनुष्य को आत्मतुष्टि प्रदान करती हैं।
फ़ूडमैन विशाल सिंह