महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रयागराज। पौष पूर्णिमा सोमवार से दिव्य भव्य प्रयागराज महाकुंभ का आगाज तड़के तीन बजे से ही हो गया। पवित्र संगम तट पर डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम आधी रात के बाद ही पहुंचना शुरू हो गया। इस बीच, इंद्रदेव ने भी बूंदाबांदी कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। कड़ाके की ठंड और सर्द हवाओं के बावजूद सनातनियों की आस्था भारी रही और तड़के से ही त्रिवेणी में “हर-हर गंगे”, “हर-हर महादेव”, “जय-जय श्री राम” के गगनभेदी जयकारों के बीच स्नान का अनवरत सिलसिला जारी है। इस दृश्य की तस्वीरें भोर से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

महाकुंभ के पहले स्नान पर्व की बधाई वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वाले करोड़ों लोगों के लिए यह एक बहुत ही खास दिन है! महाकुंभ 2025 प्रयागराज में शुरू हो रहा है, जो आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में अनगिनत लोगों को एक साथ लाएगा। महाकुंभ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का उत्सव मनाता है।

उधर, गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर, जो कि पौष पूर्णिमा के दिन मनाया जा रहा है, देशभर से आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

इस अवसर पर, बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए सिर पर गठरी लेकर पहुंचे हैं। पहली बार युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। डीआईजी और एसएसपी खुद इस पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इस बार महाकुंभ की शुरुआत ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सद्भाव की ताकत को भी दर्शाता है।

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