“आत्मवत् सर्वभूतेषु “ की भावना से दूसरे का सुख दुःख अपना सुख दुःख हो जाता है, पर की भेद दृष्टि ही नही रहती ,इस अवस्था में हमारी समस्त चेष्टाएँ सेवा रूप हो जाती है और किसी की भी सेवा स्वयं सेवा होती है, यह मनुष्य को आत्मतुष्टि प्रदान करती है…..फ़ूडमैन विशाल सिंह
मित्रों , अपने परिजनों की जन्म -जयंती अर्थात् उनके द्वारा स्थापित सामाजिक एवं पारिवारिक आदर्श जिन्हें आपने , अपने जीवन में परोक्ष रूप में अंगीकार किया है। उनके ना रहने पर उनके द्वारा आपके जीवन में पिरोये गए आदर्शों को अपने दैनिक जीवन में चिरस्थाई रखने के लिए उनको तथा उनके आदर्शों को याद करना ही अपने परिजनों के प्रति आपकी सच्ची स्मृति होगी।
इसी क्रम में आज विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में विष्णु चंद शुक्ल एवं राजीव शुक्ल ने अपने पूरे परिवार के साथ स्वर्गीय संजीव शुक्ल की जन्म जयंती के अवसर पर प्रसादम सेवा के लोहिया हॉस्पिटल के प्रांगण में कैंसर एवं असाध्य रोगो से पीड़ित मरीजों के निःशक्त तीमारदारों की भरपेट स्वादिष्ट भोजन द्वारा सेवा करके स्वर्गीय संजीव शुक्ल को याद किया , एवं उनके द्वारा स्थापित सामाजिक एवं पारिवारिक आदर्शों को अंगीकार करते हुए उन पर आजीवन चलने का शपथ लिया।
स्वर्गीय संजीव शुक्ल की जन्म जयंती के अवसर पर विष्णु चंद शुक्ल एवं राजीव शुक्ल का मानना है कि सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है, जिसे मानव सहजता से अपने जीवन में अंगीकार कर सकता है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर हमारे अंतिम सेवा काल तक सेवा ही एक मात्र ऐसा आभूषण है, जो हमारे जीवन को सार्थक सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। हम सभी को चाहिए कि सेवा के इस महत्व को समझें व दूसरों को भी इस ओर जागरूक करने की पहल करें।
मैं फूडमैन विशाल सिंह ,विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्वर्गीय संजीव शुक्ल की जन्म जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।
भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में विष्णु चंद शुक्ल एवं राजीव शुक्ल ने पूरे परिवार के साथ प्रतिभाग करते हुए गरीब , असह्य , भूख से तडपतें और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है , इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि जे. एस. वी. फाउंडेशन हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप सब इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे । यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है ।