संप्रभुता रक्षा में कोई सीमा बाधा नहीं: राजनाथ सिंह

 लखनऊ । केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्‍ट्रीय गुणवत्‍ता सम्‍मेलन को सम्‍बोधित करते हुए कहा कि हमारे अजेय और पेशेवर रूप से प्रशिक्षित सशस्त्र बल के उच्च गुणवत्तापूर्ण उपकरणों से लैस होने से ऑपरेशन सिंदूर सफलतापूर्वक संचालित किया जा सका। रक्षा मंत्री ने किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान पहुंचाए बिना तथा न्यूनतम क्षति के साथ सशस्त्र बलों द्वारा इस अभियान को सटीकता के साथ अंजाम देने की सराहना की तथा इसे सोच से परे तथा राष्ट्र के लिए गर्व का विषय बताया।

राजनाथ सिंह ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में नौ आतंकी शिविर नष्ट किए गए और बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया गया। यह दर्शाता है कि राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा में ‘गुणवत्ता’ कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने हमेशा बेहद संयम बरतते हुए एक जिम्मेदार राष्ट्र की भूमिका निभाई है और वह बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने में विश्वास रखता है। पर अगर कोई उसके संयम का फायदा उठाने की कोशिश करता है, तो उसे ‘कठोर कार्रवाई’ का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि भारत की संप्रभुता की रक्षा में सरकार के लिए कोई भी सीमा बाधक नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में भी ऐसी किसी दायित्‍वपूर्ण जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सम्मेलन के विषय ‘एकीकृत दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकी सक्षम प्रक्रियाओं के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन में तेजी लाना’ पर अपने विचार रखते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया भर में रक्षा क्षेत्र के उपकरणों की विध्वंसकारी मारक क्षमता और नए बदलावों को देखते हुए गुणवत्ता मूल्यांकन में तेजी लाना समय की मांग है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रक्षा संप्रभुता के दृष्टिकोण के अनुरूप रक्षा मंत्री ने 2014 से ही रक्षा उत्पादन क्षेत्र के सशक्तिकरण पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि रक्षा संप्रभुता का अर्थ है कि जब तक कोई देश अपनी रक्षा आवश्‍यकताओं में सक्षम और आत्मनिर्भर नहीं होता, तब तक उसकी स्‍वतंत्रता सम्‍पूर्ण नहीं मानी जा सकती। अगर हम विदेश से हथियार और अन्य रक्षा उपकरण खरीदते हैं, तो हम अपनी सुरक्षा को आउटसोर्स कर रहे हैं और इसे किसी और के भरोसे छोड़ रहे हैं। हमारी सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार कर आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए निर्णायक कदम उठाया है और यही विस्तारित रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र भारत को अभूतपूर्व शक्ति प्रदान कर रहा है।

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