मनीष एवं मनीषा वर्मा ने अपने वैवाहिक वर्षगांठ की मंगल बेला पर की भोजन सेवा

लखनऊ। सेवा भाव और कर्मयोग में अपने आत्मा को समर्पित करने वाले मृदुल हृदय व्यक्तित्व के धनी प्रसादम सेवा के आधार स्तम्भ मनीष वर्मा एवं भक्ति और कृतज्ञता की प्रतीक ,सद्गुण सम्पन्न भाभी मनीषा वर्मा ने अपने वैवाहिक वर्षगांठ की मंगल वेला पर अपने पूरे परिवार के साथ सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए लोहिया हॉस्पिटल, लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगियों के निःशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।

मित्रों , वैवाहिक वर्षगाठ को सेवा दिवस के रूप में मनाते हुए गरीब , असहाय एवं भूख से तड़फते लोगों की भोजन सेवा कर उन्हें आनंदित देखकर मनीष वर्मा जी एवं भाभी मनीषा वर्मा के चहरे पर संतोषम परम सुखम के भाव ने अपने कलेवर में बरबस ही बाबा तुलसी के इन पंक्तियों की तरफ ध्यान आकर्षित करा दिया कि –सिर भर जाऊ उचित यह मोरा, सबते सेवक धरम कठोरा “ – रामचरितमानस

इसीलिए कहा गया है कि सेवा धर्म की पावन मंदाकिनी सबका मंगल करती है। यह लोक साधना का सहज संचरण है।दरिद्र नारायण की शुश्रुषा से बढ़कर कोई तप नहीं है। सेवा मानवीय गुण है , निष्काम सेवा का फल आंनद है। तुलसी दास जी ने कहा है कि –

आगम निगम प्रसिद्ध पुराना।
सेवा धरमु कठिन जगु जाना ।।

इस मौके पर फ़ूडमैन विशाल सिंह ने वैवाहिक वर्षगांठ की मंगल वेला पर विजयश्री फाउन्डेशन, प्रसादम की तरफ़ से प्रसादम के पुण्य कार्य में आधार स्तम्भ के रूप में सहभागी बनने के लिए मनीष वर्मा एवं भक्ति और कृतज्ञता की प्रतीक ,सद्गुण सम्पन्न भाभी मनीषा वर्मा को वैवाहिक वर्षगाठ पर बधाई दी। आगे विशाल सिंह ने कहा कि माँ अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव आपके परिवार पर बना रहें, आप दोनों लोगो ऐसे ही मुस्कारतें हुए दीन-दुखियों की सेवा करते रहें।

महल हो या जंगल ‘सियारामजी’ मिलकर रहते हैं,
सुख-दुःख के साथी हैं दोनों, गिरते और संभलते हैं।।

फ़ूडमैन विशाल सिंह

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