कुआलालंपुर। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मलेशिया यात्रा और देश के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी मुलाकात उन्नत द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर प्रदान करने वाली थी। बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक बयान में यह बात कही गयी।
जयशंकर सिंगापुर, फिलीपीन और मलेशिया की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में 27 और 28 मार्च को कुआलालंपुर में थे।भारत के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर बिन इब्राहिम से मुलाकात की और भारत-मलेशिया उन्नत रणनीतिक साझेदारी के तहत द्विपक्षीय संबंधों को और गहन करने में उनके समर्थन के लिए आभार जताया।
इसमें कहा गया कि जयशंकर की मलेशिया यात्रा ने उन्नत रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने तथा मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर प्रदान किया।आधिकारिक बरनामा समाचार एजेंसी के अनुसार, अनवर ने मलेशिया में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का शाखा परिसर स्थापित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने चावल की कमी का सामना कर रहे मलेशिया की मदद के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की और भारत से कृषि उत्पादों के सुगम आयात की उम्मीद जताई।अनवर ने आशा व्यक्त की, ‘‘मलेशिया-भारत संबंध दोनों मित्रवत देशों के लोगों के फायदे के लिए फलते-फूलते रहें।
जयशंकर ने मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन हाजी हसन से भी मुलाकात की और राजनीतिक, व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा, डिजिटल, सांस्कृतिक तथा शिक्षा समेत द्विपक्षीय सहयोग पर व्यापक मंथन किया।विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों विदेश मंत्रियों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक हित के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने डिजिटल मंत्री गोबिंद सिंह देव से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मलेशिया आसियान में और भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में उसका प्रमुख साझेदार है।