परीक्षा पे चर्चा: पीएम मोदी ने की छात्रों से बातचीत, सफलता के बताए टिप्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत मंडपम पहुंचे। यहाँ सुबह 11 बजे दिल्ली के भारत मंडपम में 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के 7वें संस्करण का आयोजन हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत मंडपम पहुंचे। यहाँ सुबह 11 बजे दिल्ली के भारत मंडपम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के 7वें संस्करण का आयोजन हुआ। इस दौरान सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और कलाकृतियां देखीं। इसके बाद विद्यार्थियों से बातचीत किया। इस कार्यक्रम में लगभग 3,000 प्रतिभागी भौतिक रूप से मौजूद रहे। पीएम मोदी ने विद्यार्थियों को तनाव से दूर रहने और परीक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं।

संतानों के बीच तुलना न करें माता-पिता- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा, “जीवन में चुनौतियां होना जरूरी हैं, इनके न होने पर जीवन चेतनाहीन बन जाता है।”उन्होंने कहा” जीवन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी होना चाहिए। कई माता-पिता द्वारा घर में 2 भाई-बहनों के बीच विक्रत प्रतिस्पर्धा का भाव बो दिया जाता है। दोनों संतानों में तुलना की जाती है। इसकी वजह से ये एक जहरीला वृक्ष बन जाता है। ये बच्चे के मन पर गलत प्रभाव डालता है। मेरा आग्रह है कि माता-पिता तुलना न करें।”

लिखने का अभ्यास करें विद्यार्थी- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने माता-पिता को सलाह दी है कि बच्चे को हमेशा वही पेन दें, जो वो हमेशा उपयोग करता है। उसके कपड़े या खाने को लेकर मत टोकिए। उसे कंफर्ट फील कराइए।उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि परीक्षा केंद्र में बिल्कुल न घबराएं। पहले पूरा प्रश्नपत्र पढ़ लें, फिर तय करिए कि किस उत्तर में कितना समय जाएगा।उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी है कि जितना ज्यादा हो सके, लिखने का अभ्यास करें।

परीक्षा से पहले थोड़ा हंसी-मजाक करें- प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री ने छात्रों को सलाह दी कि परीक्षा शुरू होने से पहले कुछ समय हंसी-मजाक में बिताइए। परीक्षा कक्ष में किसी और चीज पर ध्यान न दें। आपके पास वाला साथी कितनी तेजी से पेपर हल कर रहा है, इस पर ध्यान देकर घबराएं नहीं। केवल खुद पर ध्यान दें।उन्होंने बताया कि बचपन से अर्जुन और पंक्षी की आंख वाली कथा सुनते हैं, इसे अपने जीवन में भी लागू भी करें। केवल लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें।

एग्जाम के दबाव को कम करें प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने कहा कि हमें किसी भी प्रकार के प्रेशर को झेलने लायक बनाना चाहिए। खुद को तैयार करना पड़ता है। इच्छाशक्ति से हम दबाव के बावजूद सफलता हासिल कर सकते हैं। हमें दबाव से निपटने की कला को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। दबाव को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम नहीं है। इस प्रक्रिया को आसान बनाने की जिम्मेदारी घर पर शिक्षकों और अभिभावकों पर भी है। 

पढ़ाई और व्यायाम के बीच संतुलन बनाए- प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने कहा कि आपमें से कई घंटों मोबाइल इस्तेमाल करते होंगे। मोबाइल को रीचार्ज करना पड़ता है। वैसे ही बॉडी को भी रीचार्ज करना पड़ता है। इसलिए जीवन को थोड़ा संतुलित बनाना होता है। कुछ लोग सिर्फ खेलते रहते हैं, यह भी गलत है। अगर हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो तीन घंटे एग्जाम में भी बैठ नहीं पाएंगे। इसलिए नियम बनाकर पढ़ाई और खेल में सामंजस्य बनाना चाहिए। कभी धूम में बैठकर भी पढ़ाई करनी चाहिए। नींद भरपूर लेनी चाहिए। लेकिन आप में से कई रील्स देखकर समय बर्बाद कर देते होंगे। मुझे बिस्तर पर सिर्फ 30 सेकंड सोने में लगता है संतुलित आहार लीजिए।

प्रदर्शनी जरूर देखें-प्रधानमंत्री

भारत मंडपम में खेलो इंडिया को बढ़ावा देने के लिए गेम्स मॉडल्स की प्रदर्शनी लगाई गई। नई शिक्षा नीति के तहत स्टूडेंट्स को लोकल लैंग्वेज में शिक्षा को बढ़ावा देना के लिए पेंटिग लगाई गई है। एक भारत श्रेष्ट भारत का एग्जबिशन भी लगाया गया है। वोकल फॉर लोकल से जुड़ी कलाकृतियां भी रखी गई हैं। पीएम मोदी ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी से आग्रह है कि सभी लोग प्रदर्शनी देखें और अपने स्कूलों में वापस जाकर उसकी चर्चा करें।

2 करोड़ से ज्यादा विद्यार्थियों ने कराया था पंजीकरण

आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, इस बार कार्यक्रम के लिए 2 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया था। MyGov पोर्टल के मुताबिक, लगभग 14 लाख से अधिक शिक्षकों और 5 लाख अभिभावकों ने आवेदन किया था। इस बार पहली बार देश के विभिन्न हिस्सों से एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों ने भी भाग लिया।इस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 12 जनवरी तक चली थी। पिछले साल कार्यक्रम के लिए रिकॉर्ड 38 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का पहला संस्करण 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था। ये कार्यक्रम एग्जाम वॉरियर्स का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य किशोरों को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है। ,ये एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके जरिए छात्रों, माता-पिता, शिक्षकों और समाज को एक साथ लाने पर जोर दिया जाता है ताकि ऐसे वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके जहां प्रत्येक बच्चा पूरी आजादी से अपने आप को व्यक्त कर सके।

Related Articles

Back to top button