ISRO लांच करेगा ‘नॉटी बॉय’, प्रक्षेपण से पहले मंदिर में हुई पूजा-अर्चना

ISRO के मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस की सफल लॉन्चिंग के लिए इसरो चीफ एस सोमनाथ ने भगवान का आशीर्वाद लिया।

ISRO चीफ एस सोमनाथ इनसैट-3डीएस की सफल लॉन्चिंग से पहले आँध्र प्रदेश के सुल्लुरपेट में श्री चेंगलम्मा मंदिर में पहुँचे और मंदिर के अन्दर पूजा पूाठ की। ISRO के मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस की सफल लॉन्चिंग के लिए इसरो अध्यक्ष ने भगवान का आशीर्वाद लिया।

इसरो चीफ एस सोमनाथ आज आँध्र प्रदेश के सुल्लुरपेट में श्री चेंगलम्मा मंदिर में पहुँचे और फिर उनकी एक वीडियो सामने आई जिसमें वह मंदिर के भीतर पूजा पूाठ कर रहे थे। इस रॉकेट को इसरो ने ‘नॉटी बॉय’ निकनेम दिया है। बता दें कि 5:35 पर श्रीहरिकोटा के सतीष धवन स्पेस सेंटर से उपग्रह इनसैट-3डीएस को जीएसएलवी एफ14 रॉकेट की मदद से पृथ्वी की भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

जीएसएलवी एफ14 का ये 16वाँ मिशन होगा। जीएसएलवी एफ14 महज 20 मिनट में सैटेलाइट को उसके लक्ष्य तक पहुँचा देगा। अब तक इस जीएसएलवी ने 15 सैटेलाइट को लॉन्च किया है जिसमें से केवल 4 ही विफल हुई है।

बताया जा रहा है कि ये सैटेलाइट समुद्र की सतह का बारीकी से अध्ययन करेगी, जिससे मौसम की सटीक जानकारी मिल सके और प्राकृतिक आपदाओं के बारे में भी ठीक से अनुमान लगाया जा सके। इनसैट-3डीएस के बारे में आई जानकारी के अनुसार, इसका वजन 2,274 किलो है और इसे ले जाने वाले रॉकेट की लंबाई 51.7 मीटर है। इस सैटेलाइट में रॉकेट इमेजर, पेलोड, साउंडर, डेटा रिले ट्रांसपोंडडर और सेटेलाइन एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर जा सकेगा।

इस सैटेलाइट की मिशन लाइफ 10 साल है। ये इनसैट सीरिज की 3 सैटेलाइट है। इस मिशन को मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस द्वारा फंड किया गया था। इसरो का कहना है कि इनसैट-3डीएस वर्ष 2013 में लॉन्च किए गए मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस का उन्नत रूप हैं। वहीं 1 जनवरी 2024 को पीएसएलवी-सी58/एस्पोसैट मिशन के सफल प्रक्षेरण के बाद इस साल इसरो का यह दूसरा मिशन होगा।

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