लखनऊ। हर दिल अजीज सेवा व्यक्तित्व के धनी सम्राट नियोगी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर विजय श्री फाउंडेशन के तत्वाधान में प्रसादम सेवा के मेडिकल कॉलेज, लखनऊ प्रांगण में पूरे परिवार द्वारा प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश सेवा भाव की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए पूरी श्रद्धा और तन्मयता से नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हें प्रसाद वितरण किया गया।
इस मौके पर सम्राट नियोगी ने नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गए, ‘इंसानियत ही सबसे बड़ा मजहब’ के भाव को, वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया। नर सेवा ही नारायण सेवा है, के सेवा विचार को आगे बढ़ाने की मुहिम में सम्राट नियोगी जी जान से लगे हुए हैं।
सम्राट नियोगी के व्यक्तित्व में दया , करुणा एवं सत्यनिष्ठा की पावन त्रिवेणी का संगम आपको दूसरों से अलग बनाता है। अपने जन्म दिन के शुभ अवसर पर आपके द्वारा किसी परोपकारी संत की तरह नि:शक्त तीमारदारों की सेवा ,हम लोगों को दया , करुणा एवं सामाजिक समरसता का दिव्य सन्देश देता है।
इस अवसर पर सम्राट नियोगी ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें भगवान ने नि:शक्त तीमारदारों की सेवा के लिए सक्षम बनाया। हमें विश्वास है कि नर सेवा नारायण सेवा के लिए हमने जिन लोगों को भोजन प्रसाद वितरण किया है , इसी में से कोई न कोई परमात्मा होगा जो हम सबका कल्याण करेंगे। क्योकि – अन्नं ब्रह्मा रसो विष्णुर्भोक्ता देवो महेश्वरः अर्थात् अन्न ब्रह्म है, रस विष्णु है और खाने वाले महेश्वर हैं।
विजयश्री फाउन्डेशन , प्रसादम सेवा के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने कहा कि मैं सम्राट नियोगी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई देता हूँ। भोजन सेवा के इस पुण्य कार्य में सहयोगी बनने के लिए आपके पूरे परिवार को कोटि -कोटि धन्यवाद।
मां अन्नपूर्णा एवं मां लक्ष्मी से आपके पूरे परिवार की सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति एवं दीर्घायु की मंगल कामना करता हूं, आप सब जीवन में यूं ही मुस्कुराते हुए निःशक्तजनों की मदद कर आनंद की अनुभूति प्राप्त करें यही परमपिता परमात्मा से कामना है ।
अति मृदु वचन मृदुल व्यवहार ,शुद्ध हृदय अति शुभ्र विचार
सरल स्वाभाव श्रेष्ठ संस्कार, ज्ञान और गुण के आगार। ऐसे सरल स्वभाव एवं श्रेष्ठ संस्कार वाले सेवादार साथी सम्राट नियोगी को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं – फ़ूडमैन विशाल सिंह