लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को वाराणसी दौरे पर रहें और इस दौरान संपूर्णनन्द विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में शिरकत किए और छात्रों को छात्रवृत्ति योजना की सौगात दी। साथ ही मुख्यमंत्री ने 51 फीट हनुमान प्रतिमा का अनावरण किया। सीएम योगी बाबा विश्वनाथ का पूजन दर्शन करते हुए नजर आए।
सीएम योगी ने 69,195 विद्यार्थियों को 586 लाख रुपये की छात्रवृत्ति का वितरण किया साथ ही मंच से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 12 बच्चों को प्रतीकात्मक चेक प्रदान करके ‘संस्कृत छात्रवृत्ति योजना’ की शुरुआत की उन्होंने कहा कि कल तक 69,195 छात्रों के बैंक अकाउंट में छात्रवृत्ति की धनराशि पहुंच जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी में थे यहां उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ‘संस्कृत छात्रवृत्ति योजना’ की शुरुआत की। कार्यक्रम के मंच पर उनके साथ कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ मौजूद थे. इनके साथ ही वाराणसी से महापौर अशोक तिवारी, विधायक नीलकण्ठ तिवारी, डॉ. सुनील पटेल, सौरभ श्रीवास्तव, नील रतन सिंह, त्रिभुवन राम, डॉ. अवधेश सिंह कार्यक्रम में मौजूद रहे।
इस अवसर पर सीएम योगी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह समारोह संस्कृत के लिए, भारतीय संस्कृति के लिए और उसकी आत्मा की दृष्टि से महत्वपूर्ण समारोह है। मुझे आश्चर्य होता है गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति होनी चाहिए।अभी तक केवल 25 करोड़ की आबादी में केवल 300 बच्चों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी वह भी छात्रों को पता नहीं होता था और कोई आवेदन नहीं करपाता था। सीएम योगी ने सभी विद्यार्थियों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ सीधा और सुरक्षित रूप से मिल सके।
संस्कृत भाषा को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा के रूप में उभरने की संभावना पर जोर दिया और छात्रों से इसे गंभीरता से अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो मानवता का पक्षधर है वह संस्कृत का भी हिमायती है। सीएम योगी ने पिछली सरकारों में संस्कृत शिक्षा को उपेक्षित रखे जाने की बात कही। गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से प्रदेशभर में लागू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा ही हमारी असली ताकत है और इससे ही भारत विश्वगुरु के रूप में उभर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। जिन स्थानों पर अभी तक शिक्षक नहीं हैं, वहां मानदेय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और उनके अनुभव को वरीयता दी जाएगी।