लखनऊ। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 17 व 18 फरवरी को आयोजित पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त करते हुए अगले 06 माह के भीतर पूरी शुचिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारीा सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच कराने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यह फैसला किया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उप्र पुलिस आरक्षी (सिपाही) के पदों पर चयन के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी छह माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए गये हैं।
इसी संदेश में उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्वाई होनी तय है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने परीक्षा निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया है। जारी आदेश के मुताबिक दिनांक 17 व 18 फरवरी, 2024 को सम्पन्न हुई पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में प्राप्त तथ्यों एवं सूचनाओं के परीक्षण के आधार पर इस परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिए हैं कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। शासन ने प्रकरण की जांच उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) से कराये जाने का निर्णय लिया है, दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन ने छ: माह के अन्दर पूर्ण शुचिता के साथ पुन: परीक्षा आयोजित करने तथा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा अभ्यर्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारीा सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक) देवेश चतुर्वेदी ने आदेश भी जारी कर दिया है। इसके मुताबिक बीते 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारीासहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा – 2023 के संबंध में शासन को संज्ञान में लाए गए तथ्यों एवं शिकायतों के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है कि परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायतों का शासन स्तर पर परीक्षण कराया जाए।
आदेश में कहा गया है कि इस परीक्षा के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत अथवा इसकी शुचिता को प्रभावित करने वाले तथ्यों को कोई व्यक्ति संज्ञान में लाना चाहे तो वह साक्ष्यों के साथ अपना नाम तथा पूरा पता कार्मिक तथा नियुक्ति विभाग की ई-मेल आई.डी. पर 27 फरवरी तक उपलब्ध करा सकते हैं। गौरतलब है कि उप्र पुलिस के आरक्षी (सिपाही) के 60 हजार से अधिक पदों के लिए 17 व 18 फरवरी को राज्य के सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गयी थी जिसमें करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के दौरान करीब 244 सॉल्वर और परीक्ष में सेंध लगाने के प्रयास में जुटे गिरोह के कई लोग पकड़े गए थे। इस मामले में कई जगह प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी।
इस बीच मुख्यमंत्री के एक सहयोगी ने बताया कि परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के रडार पर हैं और अब तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रवेश द्वार के सामने से लेकर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार को आंदोलन किया था।