बागपत : लड्डू पर्व पर 65 फिट ऊँचा लकड़ी का ढांचा गिरा, पांच लोगों की मौत, 40 घायल

बागपत। यूपी के बागपत जिले के बड़ौत में मंगलवार को जैन समुदाय द्वारा आयोजित भगवान आदिनाथ के निर्वाण लड्डू पर्व पर मानस्तम्भ परिसर में बना लकड़ी का एक ढांचा गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। जिलाधिकारी (डीएम) अस्मिता लाल ने कहा, बड़ौत में जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में लकड़ी का ढांचा गिर गया।

यह कार्यक्रम पिछले 30 वर्षों से यहां आयोजित किया जा रहा था। इस बार कार्यक्रम के दौरान लकड़ी का ढांचा गिर गया, जिसमें लगभग 40 लोग घायल हो गए और पांच की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद 20 लोगों को छुट्टी दे दी गई और बाकी का इलाज चल रहा है। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। जिलाधिकारी अस्मिता लाल और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजय वर्गीय अस्पतालों में मरीजों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक अर्पित विजय वर्गीय ने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों द्वारा पूर्व में अनुमति ली गई थी।

यह कार्यक्रम पिछले 25-30 साल से हर वर्ष आयोजित किया जा रहा है। हादसा क्यों और कैसे हुआ, यह जांच का विषय है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसा बागपत शहर से 20 किलोमीटर दूर बड़ौत शहर के गांधी रोड स्थित श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान में हुआ। वहां आज सुबह करीब आठ बजे श्री 1008 आदिनाथ भक्तांबर प्रचार के तत्वाधान में मोक्ष कल्याणक निर्वाण महोत्सव के तहत भगवान आदिनाथ के अभिषेक के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान अचानक ही मानस्तम्भ परिसर में बनाए गए 65 फुट ऊंचे अस्थायी मंच की लकड़ी की सीढिया अचानक टूट गईं जिससे मंच पर मौजूद और उसके पास खड़े श्रद्धालु नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।

हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची जिसने भगदड़ पर काबू पाते हुए घायलों को अस्पताल भिजवाया। मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। घटना से गुस्साए श्रद्धालुओं का कहना है कि हादसे के बाद घायल श्रद्धालुओं को तुरंत चिकित्सा सुविधा नहीं मिल सकी। एंबुलेंस की अनुपलब्धता के चलते उन्हें ई-रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया गया। कई श्रद्धालुओं की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि अस्थायी सीढ़िया भीड़ का भार सहन नहीं कर पाईं और टूट गईं। आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की कमी को लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

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