
लखनऊ। लोकबंधु अस्पताल में आग लगने की घटना के दूसरे दिन मंगलवार की सुबह जनरल ओपीडी सामान्य रूप से शुरू हो गई। अस्पताल में आग लगने की घटना से तीन वार्ड प्रभावित हुए थे, जिसमें आईसीयू भी शामिल है। निदेशक लोकबंधु अस्पताल संगीता गुप्ता ने एएनआई को बताया, “सुचारू रूप से OPD की व्यवस्था चल रही है। सभी चैंबर में डॉक्टर बैठे हुए हैं। कुछ जांच ऊपर के फ्लोर पर होंगी जो अभी बंद है।” डीजी हेल्थ डॉक्टर रतन पाल सिंह ने बताया, “सभी बिन्दुओं पर जांच करा रहे हैं, जांच के बाद ही आग लगने का कारण पता चल पाएगा।
आशियाना स्थित सरकारी लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात 9:30 बजे भीषण आग लग गई। आग की शुरुआत दूसरे तल से हुई। सबसे पहले आईसीयू और फीमेल मेडिसिन वार्ड आग की जद में आए। दोनों वार्डों में 55 मरीज थे। मरीजों और तीमारदारों के कुछ समझने से पहले आग ने विकराल रूप ले लिया। वार्ड में चीख पुकार के साथ भगदड़ मच गई। डॉक्टर, स्टाफ और तीमारदारों ने मिलकर 250 मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाला। वहीं, हादसे में एक मरीज की मौत हो गई।
आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि अस्पताल में चारों तरफ धुआं भर गया। हर तरफ चीख पुकार मची थी। इसी बीच अस्पताल कर्मियों ने बिजली काट दी। इससे हर तरफ अंधेरा फैल गया। इससे मरीजों को बाहर निकालने में दिक्कत हुई।
मेरे पापा को बचाओ, वो फंस गए हैं
फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के पहुंचने तक आग दूसरे वार्डों में भी फैल गई। कोई अपने पापा को बचाने की गुहार लगा रहा था तो कोई अपने पति को निकालने के लिए मदद मांग रही थी। अफरातफरी के बीच डॉक्टरों, नर्सों, अस्पतालकर्मियों, तीमारदारों और दमकलकर्मियों के साथ स्थानीय पुलिस ने टार्च व मोबाइल की रोशनी से मरीजों को बाहर निकाला तथा अपनी भी जान बचाई। देर रात तक स्थिति नियंत्रण में थी।
गेट में फंस गई फायर ब्रिगेड
आग बुझाने पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी लोकबंधु अस्पताल का मुख्य गेट सकरा होने के कारण बाहर ही अटक गई। एक घंटे की मशक्कत के बाद भी चालक को सफलता नहीं मिली। इसके बाद छोटी गाड़ियों को दूसरे गेट से भीतर भेजा गया। तब तक आग बेकाबू हो चुकी थी।
सीएम योगी ने फोन करके ली जानकारी
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक जानकारी मिलते ही लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी से पूरी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि आग लगने के बाद अस्पताल में फंसे मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसी तरह सीएम योगी लगातार फोन करके अधिकारियों से जानकारी लेते रहे।
दमकल कर्मी लापता कई मरीजों की भी तलाश
आगजनी के बाद अस्पताल से निकाले गए 250 मरीजों को सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू, लोहिया व अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। देर रात तक अस्पताल में रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन जारी था। वहीं, सिविल अस्पताल में लाए गए हुसैनगंज के छितवापुर निवासी राजकुमार प्रजापति (61) को मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि लोकबंधु अस्पताल में बिजली कटने के बाद ऑक्सीजन आपूर्ति बंद हो गई, जिसके चलते उनकी मौत हुई।
मुख्यमंत्री ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने तत्काल अफसरों से बात कर जानकारी ली। उन्होंने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए राहत व बचाव कार्य के लिए तुरंत एसडीआरएफ को रवाना किया।
शिफ्टिंग के बावजूद मरीजों को मिलेगा निशुल्क इलाज
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि सभी मरीजों को सकुशल दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कराया गया। उन्होंने बताया कि सभी मरीजों को लोकबंधु की तरह मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा। आग की वजह से पूरा अस्पताल खाली करा लिया गया है।