लखनऊ। विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में पांशुल अवस्थी एवं विदुषी अवस्थी ने अपने पूरे परिवार के साथ अपने स्वर्गीय पिता डॉ सचिन अवस्थी के पुण्य तिथि के अवसर पर प्रसादम सेवा के मेडिकल कॉलेज प्रांगण में कैंसर एवं असाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों के निशक्त तीमारदारों को भरपेट स्वादिष्ट भोजन कराकर स्वर्गीय डॉ सचिन अवस्थी द्वारा स्थापित सामाजिक एवं नैतिक व्यवहार के मापदंडों को अपने जीवन में अपनाने का वचन लेते हुए सेवा मार्ग पर अपने-आप को अग्रसरित किया।
मित्रों , हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें भगवान ने नि:शक्त तीमारदारों की सेवा के लिए सक्षम बनाया। हमें विश्वास है कि नर सेवा नारायण सेवा के लिए हमने जिन लोगों को भोजन प्रसाद वितरण किया है, इसी में से कोई न कोई परमात्मा होगा जो हम सबका कल्याण करेंगे, क्योंकि-अन्नं ब्रह्मा रसो विष्णुर्भोक्ता देवो महेश्वरः अर्थात् अन्न ब्रह्म है, रस विष्णु है और खाने वाले महेश्वर हैं।
इस मौके पर फूडमैन विशाल सिंह ने विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्वर्गीय डॉ सचिन अवस्थी को श्रद्धा सुमन अर्पित की। आगे उन्होंने कहा कि भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में पांशुल अवस्थी ने अपने पूरे परिवार के साथ प्रतिभाग करते हुए गरीब ,असह्य , भूख से तडपतें और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है।
इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि आपका पूरा परिवार हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहे, आप सब इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करें, यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।
युग-युगांतर से प्रचलित वाणी सेवा परमो धर्म: को आत्मसात कर चरितार्थ करने वालों को ही भविष्य में महामानव की उपाधि मिलती है।
[ फ़ूडमैन विशाल सिंह ]