लखनऊ। स्वर्गीय राजीव सक्सेना की पुण्यतिथि के अवसर पर सुनीता सक्सेना ( पत्नी) , सुरभि सक्सेना (पुत्री) आशीष सिन्हा वैभव कुदेशिया गुंजन सक्सेना (पुत्री ) ,अव्यान सिन्हा (grand son) एवं वान्या कुदेशिया( grand daughter) ने अपने पूरे परिवार के साथ लोहिया अस्पताल लखनऊ में कैंसर एवं आषाढी रोगियों के निशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है कि दरवा के को चरितार्थ किया।
मित्रों, प्रसादम सेवा के लोहिया प्रांगढ़ में सुनीता सक्सेना एवं सुरभि सक्सेना ने अपने पूरे परिवार के साथ करुणाकलित निःशक्त तीमारदारों को भोजन एवं मिठाई का वितरण कर उनकी भूख से तड़पती हुई आत्मा को तृप्त करने का जो पावन कार्य किया है.। यह निश्चित तौर पर पुण्यतिथि के अवसर पर स्वर्गवासी आत्मा के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आप लोगों के सेवा समर्पण भाव को देखकर भूख से तड़पते निःशक्त तीमारदारों में नारायण स्वयं नर रूप में आया होगा और आपसे प्रसाद ग्रहण किया होगा। यह निश्चित तौर पर आपके पूरे परिवार का परलोक में पुण्यों का फिक्स डिपाजिट है।
मित्रों, अपने पूरे परिवार के साथ नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए श्रीमती सुनीता सक्सेना जी के करुणामयी हृदय से एक ही भाव प्रतिबिंबित हो रहा था कि सेवा मानवता की अद्भुत जीवन रेखा है । भूख के समान कोई दुःख नहीं क्षुधा के समान कोई रोग नहीं ,अरोग्यता के समान कोई सुख नहीं इसलिए अन्न दान बहुत पुण्य का कार्य है, अन्न दान करने वाला प्राण दाता होता है।
इस मौके पर फ़ूडमैन विशाल सिंह ने स्वर्गीय राजीव सक्सेना को पुण्य तिथि के अवसर पर पूरे प्रसादम परिवार की तरफ श्रद्धा सुमन अर्पित की। आगे विशाल सिंह ने कहा कि सुनीता सक्सेना ने अपने पूरे परिवार के साथ भोजन सेवा का जो पुण्य कार्य किया है , इसके लिए माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद सदैव आपके परिवार पर बना रहे, आप दोनों लोगो ऐसे ही मुस्कारतें हुए दीन -दुखियों की सेवा करते रहे।
सेवा धर्म की पावन मंदाकिनी सबका मंगल करती है यह लोक साधना का सहज संचरण है।दरिद्र नारायण की शुश्रुषा से बढ़कर कोई तप नहीं है। सेवा मानवीय गुण है , निष्काम सेवा का फल आंनद है।
( फ़ूडमैंन विशाल सिंह)