प्रसादम सेवा में मनाई गई स्वर्गीय रजनी अग्रवाल की स्मृति दिवस

लखनऊ। विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में हरि जी अग्रवाल, मधु अग्रवाल , पूजा , विवेकमणी , शिवम् ,अक्षय , प्रज्ञा , रचित , निहित एवं विदित अग्रवाल ने अपने पूरे परिवार के साथ स्वर्गीय रजनी अग्रवाल की पुण्य तिथि के अवसर पर प्रसादम सेवा के मेडिकल कॉलेज प्रांगण में कैंसर एवं असाध्य रोगो से पीड़ित मरीजों के निःशक्त तीमारदारों की भरपेट स्वादिष्ट भोजन द्वारा सेवा करके अपने परिजनों को याद किया एवं उनके द्वारा स्थापित सामाजिक एवं पारिवारिक आदर्शों को अंगीकार करते हुए उन पर आजीवन चलने का शपथ लिया गया।

मित्रों , हम सौभाग्यशाली हैं कि हमे भगवान ने नि:शक्त तीमारदारों की सेवा के लिए सक्षम बनाया। हमे विश्वास है कि नर सेवा नारायण सेवा के लिए हमने जिन लोगों को भोजन प्रसाद वितरण किया है , इसी में से कोई न कोई परमात्मा होगा जो हम सबका कल्याण करेंगे। क्योंकि –अन्नं ब्रह्मा रसो विष्णुर्भोक्ता देवो महेश्वरः। अर्थात् अन्न ब्रह्म है, रस विष्णु है और खाने वाले महेश्वर हैं।

इस अवसर पर फूडमैन विशाल सिंह ने विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्वर्गीय रजनी अग्रवाल को श्रद्धा सुमन अर्पित करता की। आगे विशाल सिंह ने कहा कि भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में हरि जी अग्रवाल ने अपने पूरे परिवार के साथ प्रतिभाग करते हुए गरीब , असह्य , भूख से तडपते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है , इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि आपका पूरा परिवार हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप सब इसी तरह से मुस्करातें हुए लोगो की सेवा करें, यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।

“आत्मवत् सर्वभूतेषु ” की भावना से दूसरे का सुख दुःख अपना सुख दुःख हो जाता है । पर की भेद दृष्टि ही नही रहती ,इस अवस्था में हमारी समस्त चेष्टाएँ सेवा रूप हो जाती है और किसी की भी सेवा स्वयं सेवा होती है । यह मनुष्य को आत्मतुष्टि प्रदान करती है ।
[फ़ूडमैन विशाल सिंह]

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