उत्तर प्रदेश में अल्पस्यंखक कांग्रेस द्वारा चलाया जा रहा टार्गेट 41 अभियान आज चौथे दिन भी जारी रहा। 2 फरवरी से 12 फरवरी तक चलने वाले अभियान में दलित समुदाय में मुस्लिम समुदाय के लोग जाकर कांग्रेस को वोट करने की अपील कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 17 जनवरी से 27 जनवरी तक प्रदेश के हर ज़िले में दो सौ से ज़्यादा और पूरे प्रदेश में क़रीब दस हज़ार मौलानाओं को दलित समुदाय के साथ सामाजिक संबंध बेहतर बनाने और संविधान पर मंडराते खतरों पर संवाद करने की अपील की गयी थी।
उसके बाद 2 फरवरी से टार्गेट 41 अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान में बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम 20 प्रतिशत और दलित 21 प्रतिशत हैं जो मिलाकर 41 प्रतिशत है। वहीं भाजपा को 2014 में 31 प्रतिशत और 2019 में 37 प्रतिशत वोट मिला था। यानी अगर दलित और मुस्लिम ही एक साथ आ जाएं तो भाजपा बुरी तरह हार जाएगी।
अभियान के तहत बांटे जा रहे पर्चे में यह भी बताया जा रहा है कि 1989 तक मुस्लिम और दलित एक साथ कांग्रेस को वोट करते थे तब भाजपा के पास पूरे देश में सिर्फ़ 2 सांसद होते थे। मुस्लिम और दलित फिर से कांग्रेस में आ जाएं तो संविधान विरोधी भाजपा फिर उसी स्थिति में पहुंच जाएगी।
यहीं नहीं पर्चे में यह भी बताया गया है कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सीटें चाहिए जबकि भाजपा को 2019 में 303 सीटें मिली थी। यानी अगर 30 सीटें भी घट गयीं तो भाजपा सरकार नहीं बना पाएगी क्योंकि उसके घटक दल भी उसका साथ छोड़ देंगे। तमिल नाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 180 लोकसभा सीटें हैं जिसमें से एनडीए को 20 से भी कम सीटें मिलने जा रही हैं।
अभियान के दौरान दलित समुदाय को बताया जा रहा है कि जब पूरे देश के दलित और मुसलमान कांग्रेस को वोट कर रहे हैं तो यूपी के दलितों और मुसलमानों को भी संविधान बचाने के लिए कांग्रेस को वोट करना चाहिए। क्योंकि सिर्फ़ कांग्रेस ही भाजपा से सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष कर रही है।