कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण में नौ सीटों के लिए शनिवार को जारी मतदान के बीच विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से मतदान केंद्रों के बाहर छिटपुट हिंसा और मतदान एजेंटों को भगाने के प्रयासों की रिपोर्टें सामने आयी है। भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) को पूर्वाह्न 11.00 बजे तक 1,450 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
हिंसा से ग्रस्त संदेशखली से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक कल रात बरमाजुर में मतदाताओं को डराने का प्रयास किया गया, जहां महिलाओं ने एकजुट होकर गांव की रखवाली की और समूहों में मतदान करने का फैसला किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अज्ञात बदमाशों ने अपने चेहरे ढके हुए ग्रामीणों पर हमला किया और उन्हें बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र के लिए वोट न डालने की धमकी दी।
संदेशखली के सरबेरिया के राजबाड़ी में कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों ने दो तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। बारानगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार सजल घोष के मुख्य चुनाव एजेंट कौस्तव बागची ने आरोप लगाया कि उत्तर कोलकाता लोकसभा सीट के लिए बोनहुगली हाई स्कूल मतदान केंद्र पर दो एजेंट होने चाहिए, लेकिन उनके एक एजेंट को बाहर निकाल दिया गया।
उन्होंने ईसीआई से इस संबंध में शिकायत की है। बारानगर विधानसभा उपचुनाव सीट के अंतर्गत बीकेसी कॉलेज में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवार तन्मय भट्टाचार्य और तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय पार्षद के बीच हाथापाई हुई। पार्षद ने आरोप लगाया कि माकपा नेता ने उन पर हमला किया और उन्होंने किसी तरह अपना बचाव किया।
वहीं भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि उन्हें मतदान केंद्र पर जाने से रोका गया। कोलकाता उत्तर से भाजपा उम्मीदवार तापस रॉय ने आरोप लगाया कि उन्हें बोबाजार के लेबुतला में मतदान केंद्र पर जाने से रोका गया। माकपा के पूर्व प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा की बेटी रोसेनरा मिश्रा को कोलकाता दक्षिण के अंतर्गत आइस स्केटिंग रिंक मतदान केंद्र पर जाने से रोका गया। वह माकपा उम्मीदवार सायरा शाह हलीम की मतदान एजेंट हैं, जिन्होंने बाद में हस्तक्षेप करके सुनिश्चित किया कि उनका एजेंट उनकी सीट पर बैठ जाए।
भांगर क्षेत्र के सतुलिया स्थित तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में कथित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) समर्थकों ने तोड़फोड़ की, जहां कल रात बम विस्फोट की रिपोर्टों के बीच एक बम बरामद किया गया। डायमंड हार्बर से माकपा उम्मीदवार प्रतिकुर रहमान ने आरोप लगाया कि एक तृणमूल कांग्रेस समर्थक एजेंट के रूप में पाया गया, जो पीछा किये जाने पर भाग गया। वहीं पीठासीन अधिकारी का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा।