लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होते ही हंगामे का सामना करना पड़ा। सपा के नेताओं ने सदन में नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया, जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शांत करने की कोशिश की। यह हंगामा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में प्रवेश करने के बाद हुआ। मुख्यमंत्री ने पहले ही मंत्रियों और विधायकों से सत्र की तैयारी के साथ आने का आग्रह किया था।
यूपी विधानसभा में सदन स्थगित
उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज की कार्यवाही को हंगामे और नारेबाजी के कारण स्थगित कर दिया गया। सपा के विधायकों ने विधानसभा में नारेबाजी करते हुए विरोध जताया, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन किया, जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित हुई।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस सत्र को अत्यंत गौरवमयी बताया। उन्होंने कहा कि यह सत्र यूपी के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत अभियान से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। योगी ने कहा कि यूपी आजादी के आंदोलन से लेकर अब तक देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है और विकास, सुरक्षा, समृद्धि, आस्था, और आधुनिकता का संगम उत्तर प्रदेश में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरकार सत्र के दौरान न केवल विधायी कार्यों को आगे बढ़ाएगी, बल्कि अनुपूरक बजट भी विधानमंडल के सामने पेश किया जाएगा। उन्होंने सभी विधायकों और सदस्यों से अपील की कि वे जनता और विकास से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा करें और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के इस बड़े अभियान में सहयोगी बनें।
सत्र की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें सत्र के दौरान विपक्षी हमलों से निपटने की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और विधायकों को निर्देश दिया कि वे सदन में पूरी तैयारी के साथ आएं और विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों का तथ्यों के साथ जवाब दें।