जीरो पावर्टी उत्तर प्रदेश अभियान देश के लिए बनेगा मॉडल: मुख्य सचिव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी खण्ड विकास अधिकारियों (बीडीओ) और पंचायत सहायकों के साथ बैठक कर “जीरो पावर्टी उत्तर प्रदेश अभियान” के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली पर चर्चा की। इस मौके पर उन्होंने अभियान को लेकर दिशा-निर्देश दिए और कहा कि यह प्रयास देश में पहली बार हो रहा है। यदि यह अभियान सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगा।

मुख्य सचिव ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी को समाप्त करना है, और इसका प्रभाव हर ग्राम पंचायत पर पड़ेगा। इसके तहत, पात्र व्यक्तियों का चिन्हांकन किया जाएगा और इसके लिए तकनीकी संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि डाटा त्रुटिरहित और सटीक हो सके। एन्युमेरेशन के दौरान, एन्युमेरेटर को लाभार्थियों के साथ उनके घर की फोटो भी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी, जिससे कार्य पारदर्शी और प्रभावी बनेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सभी एन्युमेरेटर को अभियान में अपेक्षित सहयोग देना चाहिए और फोटोग्राफ्स की गुणवत्ता उच्चतम होनी चाहिए। इसके अलावा, खण्ड विकास अधिकारियों को मोप अप एप के माध्यम से एन्युमेरेटर की गतिविधियों की निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी गई है। इस एप के जरिए बीडीओ यह जान सकते हैं कि किस ग्राम पंचायत में कितना कार्य हुआ है और कितना काम बाकी है। वे कार्य न करने वाले एन्युमेरेटर से सीधे संपर्क भी कर सकते हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक लगभग 1,22,000 एन्युमेरेटर पोर्टल पर लॉगिन कर चुके हैं और लगभग 20,000 ग्राम पंचायतों में 42,000 परिवारों का चिन्हांकन किया जा चुका है। इसके अलावा, 90,000 परिवारों का चयन कार्य विभिन्न स्तरों पर चल रहा है। इस बैठक में प्रमुख सचिव पंचायतीराज नरेन्द्र भूषण, ग्राम्य विकास आयुक्त गौरी शंकर प्रियदर्शी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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