यूपी में सर्वाधिक 29,501 ग्राम पंचायतों की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियों का वितरण – सीएम योगी

लखनऊ (प्रशांत गौतम) – पीएम मोदी ने वर्चुअल/डिजिटल माध्यम से स्वामित्व योजना के अन्तर्गत देश के 50 हजार से अधिक गांवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्डां का वितरण किया इनमें उत्तर प्रदेश की 29,501 ग्राम पंचायतों की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियां सम्मिलित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअली सम्मिलित हुए, स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को भौतिक रूप से घरौनी प्रदान कीभारत में 06 लाख से ज्यादा गांव, जिनमें से लगभग आधे गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रॉपर्टी कार्ड आर्थिक सुरक्षा की एक बड़ी गारण्टी है, देश में एक साथ 65 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड लाभार्थियों को उपलब्ध कराए गए, इनमें सर्वाधिक लाभार्थी उत्तर प्रदेश से हैं। देश में तैयार की गयी कुल 02 करोड़ 23 लाख से अधिक घरौनियों में अकेले उ0प्र0 की 01 करोड़ 50 हजार से अधिक घरौनियां सम्मिलित

अब कोई व्यक्ति आपकी जमीन पर जबरन कब्जा नहीं कर पाएगा, क्योंकि जमीन का पूरा रिकॉर्ड राजस्व विभाग के पास उपलब्धड्रोन सर्वे में कहीं भी कोई एक इंच भूमि इधर से उधर नहीं कर सकता, जिसका जितना आवास होगा, उसे उतनी ही प्रॉपर्टी प्राप्त होगी

प्रदेश सरकार समय-सीमा में राजस्व वादों के निस्तारण के लिए प्रतिबद्धयह प्रॉपर्टी कार्ड आपको नए अवसर प्रदान करने तथा जीवन में परिवर्तन लाने में सफल होगास्वामित्व योजना के अन्तर्गत प्राप्त हुए प्रॉपर्टी कार्ड के आधार पर बैंक से ऋण प्राप्त करें ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्चुअल/डिजिटल माध्यम से स्वामित्व योजना के अन्तर्गत देश के 50 हजार से अधिक गांवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्डां का वितरण तथा इस योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास से कार्यक्रम में वर्चुअली सम्मिलित हुए। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को भौतिक रूप से ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) के प्रमाण पत्र प्रदान किए। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा वितरित प्रॉपर्टी कार्डों में प्रदेश की 29,501 ग्राम पंचायतों की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियां सम्मिलित हैं।प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पांच साल पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को उनके प्रॉपर्टी कार्ड मिलें। अलग-अलग राज्य प्रॉपर्टी के मालिकाना हक के प्रमाणपत्रों को अलग-अलग नामों से पुकारते हैं, जैसे घरौनी, अधिकार अभिलेख, प्रॉपर्टी कार्ड, मालमत्ता पत्रक और आवासीय भूमि पट्टा। स्वामित्व योजना के तहत अब गांवों में रहने वाले लगभग 2.25 करोड़ लोगों को उनके घरों के लिए कानूनी दस्तावेज मिल चुके हैं। 21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन, जल संकट, स्वास्थ्य संकट और महामारी सहित कई चुनौतियां हैं। दुनिया के सामने एक और बड़ी चुनौती सम्पत्ति के अधिकार और कानूनी सम्पत्ति के दस्तावेजों की कमी है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत सम्पत्ति के अधिकारों की वैश्विक चुनौती से अछूता नहीं है। लाखों-करोड़ों की सम्पत्ति होने के बावजूद, ग्रामीणों के पास अक्सर कानूनी दस्तावेजों की कमी होती है, जिससे विवाद होते हैं और यहां तक कि शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा भी किया जाता है। कानूनी दस्तावेजों के बिना, बैंक भी ऐसी सम्पत्तियों से दूरी बनाए रखते हैं। पिछली सरकारों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत में 06 लाख से ज्यादा गांव हैं, जिनमें से लगभग आधे गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद लाखों लोगों ने अपनी सम्पत्ति के आधार पर बैंकों से लोन लिया और अपने गांवों में छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू किए। इनमें से कई लाभार्थी छोटे और मध्यम किसान परिवार से हैं, जिनके लिए यह सम्पत्ति कार्ड आर्थिक सुरक्षा की एक बड़ी गारण्टी बन गए हैं। दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार अवैध कब्जों और लम्बे अदालती विवादों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। कानूनी प्रमाणीकरण के साथ अब वे इस संकट से मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने एक अनुमान का जिक्र किया कि एक बार सभी गांवों में सम्पत्ति कार्ड जारी हो जाने पर, इससे 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ी पूंजी जुड़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्राम स्वराज को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। स्वामित्व योजना ने ग्राम विकास के नियोजन और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण सुधार किया है। स्पष्ट मानचित्रों और आबादी वाले क्षेत्रों के ज्ञान के साथ, विकास कार्य की योजना सटीक होगी, जिससे खराब नियोजन के कारण होने वाली बर्बादी और बाधाएं दूर होंगी। पंचायत भूमि और चरागाह क्षेत्रों की पहचान सहित सम्पत्ति के अधिकार भूमि स्वामित्व पर विवादों को हल करेंगे, जिससे ग्राम पंचायतें आर्थिक रूप से सशक्त होंगी। सम्पत्ति कार्ड गांवों में आपदा प्रबन्धन को बढ़ाएंगे, जिससे आग, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं के दौरान मुआवजे का दावा करना आसान हो जाएगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज उनके द्वारा वर्चुअल माध्यम से देश में एक साथ 65 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड अर्थात ग्रामीण आवासीय अभिलेख लाभार्थियों को उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें सर्वाधिक लाभार्थी उत्तर प्रदेश के हैं। आज के कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश की 29,501 ग्राम पंचायतों की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य में पहले भी इस योजना के अन्तर्गत 37,834 गांवों में 55 लाख 14 हजार से अधिक स्वामित्व कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। देश में तैयार की गयी कुल 02 करोड़ 23 लाख से अधिक घरौनियों में अकेले उत्तर प्रदेश की 01 करोड़ 50 हजार से अधिक घरौनियां सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री योगों आदित्यनाथ ने कहा कि पहले गांवों में अक्सर सम्पत्ति से सम्बन्धित विवाद होते रहते थे। इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। कभी-कभी जघन्य अपराध भी घटित हो जाते थे। पैमाइश आदि के लिए उनके पास जमीन का कानूनी दस्तावेज नहीं होता था। इस समस्या के समाधान के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए ड्रोन सर्वे के माध्यम से गांवों की खुली बैठक में सहमति के आधार पर ग्रामीण आवासीय अभिलेख घरौनी के रूप में तैयार किए जाते हैं। जिन्हें आज प्रॉपर्टी कार्ड के रूप में प्रधानमंत्री जी ने वितरित करने की कार्यवाही प्रारम्भ की है। अब कोई व्यक्ति आपकी जमीन पर जबरन कब्जा नहीं कर पाएगा, क्योंकि जमीन का पूरा रिकॉर्ड राजस्व विभाग को उपलब्ध हो चुका है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ड्रोन सर्वे में कहीं भी कोई एक इंच भूमि इधर से उधर नहीं कर सकता। जिसका जितना आवास होगा, उसे उतनी ही प्रॉपर्टी प्राप्त होगी। प्रदेश में अब तक 01 करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। शेष लगभग 25,000 प्रॉपर्टी कार्ड सर्वे के उपरान्त लोगों को शीघ्र प्रदान किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र में आबादी की भूमि पर बसे लोगों को आजादी के बाद पहली बार प्रॉपर्टी कार्ड प्राप्त हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समय-सीमा में राजस्व वादों के निस्तारण के लिए प्रतिबद्ध है। पैमाइश की कार्रवाई, नामांतरण व भूमि उपयोग से जुड़े मामलों का समयबद्ध निस्तारण करते हुए समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति को न्याय प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने राजस्व विभाग को निर्देशित किया कि शेष गांवों में सर्वे ऑफ़ इण्डिया से समन्वय बनाकर ड्रोन सर्वे का कार्य समय-सीमा में पूर्ण करें। आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन दीदी की सहायता ली जा सकती है। यदि समय से सर्वे का कार्य पूर्ण करते हैं, तो अनेक राजस्व वादों का निस्तारण किया जा सकेगा।सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने में यह प्रॉपर्टी कार्ड आपको नए अवसर प्रदान करेगा तथा आपके जीवन में परिवर्तन लाने में सफल होगा। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत प्राप्त हुए प्रॉपर्टी कार्ड के आधार पर बैंक से ऋण प्राप्त किया जा सकता है। इसके माध्यम से आप अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं तथा अपने जीवन में कुछ नया करने में सफल हो सकते हैं। जिस कार्य के लिए लोन ले रहे हैं, आपको उसकी सही जानकारी होनी चाहिए, ताकि आप समय से बैंक ऋण चुका सकें। समय से ऋण न चुका पाना समस्या का कारण बनता है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में तेजी के साथ विकास हो रहा है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को भी निवेश प्राप्त हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे-अच्छे संस्थान निर्मित हो रहे हैं। नये भारत के नये उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों को रोजगार सृजन का माध्यम बनाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्राम सचिवालय के निर्माण की कार्यवाही लगभग पूरी की जा चुकी है। इनके माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत में 05 से 07 लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। ग्राम सचिवालय में सम्बन्धित गांव का एक पढ़ा-लिखा युवा रोजगार सेवक या कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है। इनका चयन योग्यता के आधार पर किया गया है। पहले गांव के लोगों को जाति, आय तथा निवास प्रमाण पत्र आदि के लिए तहसील, ब्लॉक तथा जनपद मुख्यालय जाना पड़ता था। ग्राम सचिवालय के माध्यम से रोजगार सेवक यह सारी सुविधाएं गांव में ही प्रदान कर रहा है। गांव में वित्तीय लेनदेन को सुगम बनाने के लिए गांव की बेटी या बहू बी0सी0 सखी के रूप में कार्य कर रही है। गांव में यह भी नया रोजगार सृजित हुआ है। गांव में फेयर प्राइस शॉप मॉडल शॉप के रूप में खोली जानी चाहिए। इसमें छोटे से वेयरहाउस का निर्माण भी किया जाए। इस व्यवस्था के माध्यम से एक से दो लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है। फेयर प्राइस शॉप में सरकारी राशन की उपलब्धता के साथ-साथ अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सकता है। गांव में विवाह तथा अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के लिए कन्वेंशन सेण्टर का निर्माण किया जाए। यहां भी एक से दो लोगों को कार्य मिल सकता है। ग्राम पंचायत का महिला स्वयंसेवी समूह गांव में सुलभ शौचालय का संचालन कर रहा है। इसमें एक महिला को रोजगार प्राप्त हो रहा है। देवभूमि से न सटे हुए गांवों के तालाबों में मछली पालन का कार्य किया जा सकता है। प्रजापति समुदाय से जुड़े हुए लोग बर्तन उद्योग के साथ जुड़ सकते हैं। महिला स्वयंसेवी समूहों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण लोगों के लाभ के लिए अनेक कार्य किये जा सकते हैं।

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