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प्रयागराज। गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन तट पर देश और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन महाकुम्भ मेला अपने दिव्यता, भव्यता और नव्यता विश्व पोर्टल पर बिखेर रहा है। पिछले कुम्भ 2019 में भी कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बने थे और इस बार भी एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड मेला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बनाया जा रहा है।
संगमनगरी प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ मेले में विभिन्न घाटों पर एक साथ 327 स्वच्छता कर्मी एक साथ नदी को साफ करने का काम करेंगे। इस सफाई का एक उद्देश्य है कि लोग जहां भी हैं नदी को साफ और स्वच्छ रखें। इसके साथ ही यह वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनेगा कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ कहीं पर भी सफाई कर्मी नदी को साफ करने में नहीं लगाए गए हैं।
नदी या पानी के सोर्स को साफ व स्वच्छ रखें
ओएसडी कुम्भ नगर आकांक्षा राणा ने बताया कि दुनिया में पहली बार महाकुम्भ में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है। 327 सफाई कर्मियों ने एक साथ मल्टीप्ल लोकेशंस पर नदी साफ करने का कार्य किया है। इस एक्टिविटी के माध्यम से कुम्भ मेले से देश और दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि जहां पर भी नदी या पानी के जो भी सोर्स हैं, उसे साफ और स्वच्छ रखें। मेला प्रशासन प्रयागराज और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। एक तरफ जहां कुम्भ के इतिहास में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है, वहीं एक साथ सफाई करके वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया गया है।
नदी के स्वच्छता की हो रही निगरानी
नीरज अग्रवाल, प्रतिनिधि यूनेस्को वर्ल्ड रिकॉर्ड चार्टर्ड अकाउंटेंट, कुम्भ मेला ने शनिवार को बताया कि यहां पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की बात हो रही है। कितने लोग नदी की सफाई में लगे हैं। यह गिनती करने पहुंचा हूं। क्योंकि मेला प्राधिकरण द्वारा जो दावा किया जा रहा है वह सही है या फिर नहीं है, यह देखा जा रहा है। क्योंकि चार्टर्ड अकाउंटेंट को रिपोर्ट देनी होती है। इसलिए स्थलीय निरीक्षण करना जरूरी है कि सभी लोग कार्य कर रहे हैं या नहीं। यदि कोई बैठा होगा तो उसे बाहर कर दिया जाएगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा दावा किया जा रहा है की बड़ी संख्या में सफाई कर्मी रिवर को क्लीन कर रहे हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट के ही इस रिपोर्ट पर ही गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट मिलेगा। इसलिए जरूरी है कि सब कुछ दावा के मुताबिक जमीन पर दिखाई दे।
नीरज अग्रवाल ने बताया कि सफाई करने वाले सभी लोगों को एक बैंड लगाया गया है। इसके साथ ही कलर कोड दिया गया है। ताकि बीच में कोई बदल ना सके और व्यक्ति कार्य कर रहा है कि नहीं इसकी मॉनीटरिंग की जा सके। कितने लोग उपस्थित हैं, इसकी काउंटिंग की गई है। मेला प्राधिकरण द्वारा जो दावा किया गया है वह सब कुछ सही है।
मेला प्राधिकरण को मिला प्रमाण पत्र : नीरज अग्रवाल
गिनीज का वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि ने कहा कि अभी हम एक साइट पर मौजूद हैं। इसी प्रकार की दो और साइट है वहां भी जाकर देखेंगे। इसके बाद कितने लोग कार्य कर रहे हैं, उसकी गिनती करेंगे। एक साइट पर डेढ़ सौ लोग हैं, लेकिन क्या सभी लोग नदी को साफ कर रहे हैं। यह देखने के बाद ही सर्टिफिकेट दिया जाएगा। फिलहाल प्रयागराज मेला प्राधिकरण का दावा सही है। मौके पर सभी लोग गंगा नदी को साफ करते हुए पाए गए और एक साथ इतनी बड़ी संख्या में गंगा नदी को साफ करने का रिकॉर्ड कायम हो गया है। इसका प्रमाण भी मेला प्राधिकरण को मिल गया है।