विजयश्री फाउन्डेशन : मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा : अमित सिंह

  • पूज्य पिता स्व० एस०पी०सिंह जी की पुण्यतिथि पर लोहिया संस्थान लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगों से पीड़ित निशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

लखनऊ । नर सेवा नारायण सेवा, साथियों आज प्रसादाम कार्यकारणी से श्री अमित सिंह जी ने अपनी माता श्रीमती अमरावती सिंह जी सहित पूरे परिवार के साथ अपने पूज्य पिता स्व० एस०पी०सिंह जी की पुण्यतिथि पर लोहिया संस्थान लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगों से पीड़ित निशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर स्व०एस०पी० सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पण किए !


अन्नं ब्रह्मा रसो विष्णुर्भोक्ता देवो महेश्वरः ।
अर्थात अन्न ब्रह्म है, रस विष्णु है और खाने वाले महेश्वर हैं।

स्वर्गीय एस०पी०सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए श्री अमित सिंह जी ने कहा कि मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा। हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि हमे भगवान ने नि:शक्त तीमारदारों की सेवा के लिए सक्षम बनाया। हमे विश्वास है कि नर सेवा नारायण सेवा के लिए हमने जिन लोगों को भोजन प्रसाद वितरण किया है , इसी में से कोई न कोई परमात्मा होगा जो हम सबका कल्याण करेंगे।

आप का मानना है कि गरीबों, असहायों, मजलूमों एवं भूखे व्यक्तियों को देखकर आपके हृदय में करुणा-कलित हो जानी जाना चाहिए, उसमें विकलता की रागनी बजनी चाहिए, क्योंकि हम सब भी उसी दयानिधि के अंश है। नर सेवा ही वास्तव में ईश्वर की सेवा है। कहा जाता है कि कण कण में भगवान हैं, इस लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। भूखें व्यक्तियों को भोजन कराकर आप ईश्वर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे ईश्वर के ही तो अंश हैं । इसीलिए सभी धर्मों में अन्नदान को महादान बताया गया है।

स्वर्गीय एस०पी०सिंह जी की पुण्यतिथि पर विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के संस्थापक फुडमैन विशाल सिंह ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है । यही पुण्यों के फिक्स डिपोजिट है। इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI

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