उत्तर प्रदेश की योगी आदित्याथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा आम बजट सोमवार को विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया। इस दौरान उन्होंने 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये का बजट पेश किया। बजट का फोकस गांव, किसान, इंफ्रास्ट्रक्चर, युवा के साथ-साथ सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया है।
● जनपद मिर्जापुर में विन्ध्याचल स्थित त्रिकोणीय क्षेत्र में माँ विन्ध्यवासिनी मंदिर, माँ अष्टभुजा मंदिर, माँ कालीखोह मंदिर को जोड़ने वाले त्रिकोण संरेखण में आने वाले परिक्रमा मार्गों एवं जन सुविधाओं के उन्नयन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
● महाकुम्भ, 2025 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यो हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● निषाद राज गुहा सांस्कृतिक केन्द्र, श्रृंगवेरपुर की स्थापना हेतु 14.68 करोड़ रूपये, जनपद आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना हेतु 11.79 करोड़ रूपये तथा महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र चित्रकूट की स्थापना हेतु 10.53 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या हेतु 10 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।
● उत्तर प्रदेश में वर्ष-2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 37 करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 37 करोड़ 77 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 43 हजार है।
● प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया। इस अवसर पर राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया।
● अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम, माँ शाकुम्भरी देवी, सारनाथ एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।
● ‘‘मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना‘‘ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है।
● भारत की संस्कृति धार्मिक, बौद्धिक, वैज्ञानिक रूप से अत्यन्त समृद्ध रही है। दुनिया के लिये यह एक आश्चर्य का विषय रहा है कि इतनी प्राचीन संस्कृति संदियों तक बाहरी आक्रमणों के बावजूद किस प्रकार अभी भी अविच्छिन्न बनी हुई है। यह उनके लिये आश्चर्य का विषय हो सकता है परन्तु हमारे लिये यह जीवनशैली है।
● पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारे सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी की परन्तु माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक धारा अधिक प्रवाहमयी हो रही है-
यूनान, मिश्र, रोमा सब मिट गए जहाँ से,
अब तक मगर है बाकी नामों-निशां हमारा।।