बढ़ती महंगाई के बीच जनता को एक और झटका लगा है। आज यानी 1 अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम बढ़ गए है। आपको बता दें कि इसमें पेनकिलर्स से लेकर एंटीबायोटिक तक शामिल हैं। ऐसे में आम जनता जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रही थी उसकी जेब पर बोझ और बढ़ जाएगा। जहां शराब महंगी और गैस सिलेंडर सस्ता हुआ है तो वहीं लोगों को दवाइयों को लेकर बड़ा झटका लगा है।
एसेंशियल यानी जरूरी दवाओं की बात करें तो इसमें पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक, दिल की 800 दवाएं शामिल हैं। आज से इन सब दवाओं के दाम बढ़ गए हैं। दवाइयों के रेटों में करीब 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ऐसे में अब लोगों को एंटी-बयोटिक्स से लेकर पेनकिलर तक खरीदने के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। कैंसर, दिल की बीमारी, एनीमिया, मलेरिया, एंटी-सेप्टिक को मिलाकर सभी दवाइयां आज से नए रेट पर मिलेंगी।
दरअसल, सरकार दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में बदलाव के अनुरूप बढ़ोतरी की अनुमति देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बढ़ती महंगाई को देखते हुए फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की मांग कर रही थी।
आपको बता दें कि विटामिन टैबलेट्स, स्टेरॉयड, पेन किलर्स, TB, कैंसर, मलेरिया, HIV एड्स, एंटी-बयोटिक्स, एंटी डोट्स, एनीमिया, पार्किंसंस, डिमेशियां की दवाएं, एंटी-फंगल मेडिसिन, दिल की बीमारी वाली दवाइयां, त्वचा रोग से जुड़ी औषधियां, प्लाजमा, एंटी-वायरल मेडिसिन, एंटीसेप्टिक्स और कीटाणुनाशक शामिल हैं।
आखिर क्यों बढ़ाए गए दवाइयों के दाम
उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में, कुछ प्रमुख सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्रियों की कीमतें 15% से 130% के बीच बढ़ी हैं, जिसमें पेरासिटामोल की कीमत 130% और एक्सीसिएंट्स की कीमत 18-262% बढ़ी है।ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स क्रमशः 263% और 83% महंगे हो गए हैं। इंटरमीडिएट्स की कीमतें भी 11% से 175% के बीच बढ़ी हैं। पेनिसिलिन जी 175% महंगा हो गया है।
इससे पहले, 1,000 से अधिक भारतीय दवा निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक लॉबी समूह ने भी सरकार से तत्काल प्रभाव से सभी निर्धारित फॉर्मूलेशन की कीमतों में 10% की वृद्धि करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। इसने गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमतों में 20% की बढ़ोतरी की भी मांग की थी।