देश के करोड़ों गरीबों का सपना ही मोदी का संकल्प है-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित किया।

बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित किया। इस अधिवेशन की शुरुआत 17 फरवरी से हुई है। दो दिवसीय इस अधिवेशन के समापन कार्यक्रम में प्रधनमंत्री मोदी ने कहा, विकसित भारत की पहली शर्त है भाजपा की 2024 लोकसभा चुनाव में जोर दार वापसी।

पीएम मोदी ने अधिवेशन में कहा कि, ‘हमें अगले 100 दिन जोश के साथ काम करना है। जो युवा 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं वे देश की 18 वीं लोकसभा चुनने वाले हैं, हमें देश के हर नए वोटर तक पहुंचना है। जब सबका विश्वास मिलेगा तो सबसे ज्यादा सीट भी भाजपा को ही मिलेगी।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘विपक्ष केवल झूठे वादे करता है। जो वादे हम कर रहे हैं इसका जिक्र भी वो नहीं कर सकते। हमारा वादा है विकसित भारत का। बीजेपी ही वो पार्टी है, NDA ही वो दल है जो भारत को विकसित बना सकता है। 2047 में जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे, हमने देश को विकसित करने का संकल्प लिया है। हम देश को विकसित करने के लिए कार्यरत हैं। अपने तीसरे टर्म में हम भारत को तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाएंगे।’

पीएम मोदी ने आगे कहा, भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में 6 दशक लगे। पिछले 10 साल में हमने 2 ट्रिलियन जोड़े हैं। 11 वें स्थान से 10 वें स्थान पर आने में पिछली सरकार का दम उखड़ गया हमारी सरकार से देश की अर्थव्यवस्था को 11 वीं से पांचवी नंबर की अर्थव्यवस्था बना दिया।

भावुक होते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘संत शिरोमणि आचार्य श्री पूज्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धांजलि। उनके अनुयायी और हम सभी शोक में हैं मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति जैसा है। कुछ महीने पहले मैं उनसे मिला था तब नहीं पता था कि, मैं उनके दर्शन दोबारा नहीं कर पाउँगा। उनका पूरा जीवन प्रेरणा जैसा है, उनके सिद्धांत और जीवन सभी को प्रेरणा देते रहेंगे।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘देश के करोड़ों गरीबों का सपना ही मोदी का संकल्प है। इस संकल्प की पूर्ती के लिए हम दिन रात काम कर रहे हैं। यह तो एक पड़ाव मात्र है। मंजिल तक पहुँचने का विश्वास मात्र है, हमें अभी देश के लिए बहुत कुछ हासिल करना है इसके लिए बहुत से निर्णय बाकी है। पहले लोगों को लगता था सरकारें बदलती हैं व्यवस्था नहीं हमने हर व्यवस्था को पुरानी अप्रोच से बाहर निकाला जिसे किसी ने नहीं पूछा उन्हें हमने पूछा है।’

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