सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ नई पार्टी के गठन का ऐलान कर दिया है। 22 फ़रवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली को संबोधित करेंगे। स्वामी की पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी होगा। अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की नई राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के झंडे की तस्वीर भी सामने आई हैं, जिसे नीले, लाल और हरे रंग को मिलाकर बनाया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे साल 2016 में एक पार्टी बनाई थी। बसपा से बग़ावत के बाद मौर्य ने लोकतांत्रिक बहुजन मंच नाम से पार्टी का गठन किया था, जिसका ऐलान उन्होंने लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली ग्राउंड में किया था।
हालांकि इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2017 में उन्हें योगी सरकार वन में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी को छोड़कर सपा के साथ आ गए थे। पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुलकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उनके इस्तीफ़े के पीछे उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा जाना वजह माना जा रहा है।
स्वामी प्रसााद मौर्य का राजनीतिक जीवन:
- 1980 के दशक से राजनीति शुरू की। वह प्रयागराज तत्कालीन इलाहाबाद में युवा लोकदल के संयोजक के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
- 1981 में वह युवा लोक दल में उत्तर प्रदेश की कार्यसमिति के सदस्य बनाए गए।
- 1982 से 1985 तक युवा लोक दल के प्रदेश महामंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान वे लोक दल की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भी रहे।
- 1986 से 1989 तक वह लोक दल के प्रदेश महामंत्री रहे।
- 1989 से 1991 तक लोक दल के मुख्य महासचिव रहे।
- 1991 से 1995 तक स्वामी प्रसाद मौर्य जनता दल के प्रदेश महासचिव रहे।
- 1996 में पाला बदलकर बसपा में आए। बसपा के टिकट पर पहली बार डलमऊ विधानसभा सीट से विधायक बने।
- 2002 में बसपा के टिकट पर दूसरी बार डलमऊ विधानसभा सीट से विधायक बने।
- 2009 में पडरौना विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में जीत दर्ज कर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे।
- 2012 में पडरौना विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर चौथी बार वे विधायक बने।
- 2017 विधानसभा चुनाव के पहले बसपा से 20 सालों का साथ छोड़ा। भाजपा के टिकट पर पडरौना से उतरे और जीत हासिल की।
- 2022 में भाजपा छोड़कर सपा का दामन था। समाजवादी पार्टी ने फाजिलनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा के हाथों हार झेलनी पड़ी।
- 2024 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी और इसके सिंबल का ऐलान कर दिया।