
बुलडोजर एक्शन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भी उसका घर नहीं गिराया जा सकता। बता दें कि न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं।
दरअसल हाल ही में जमीयत उलेमा ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और सरकार के द्वारा आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है। यह सब फिल्में उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनमाधान से बुलडोजर एक्शन का उल्लेख करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है।
इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना सही नहीं है। न्यायालय ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है। फिर भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। यह कानून के खिलाफ है। आगे कोर्ट ने कहा कि हम इसे लेकर निर्देश जारी करेंगे साथ ही सभी राज्यों को नोटिस भी जारी करेंगे।
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