आज़मगढ़ में हुआ अजीब फ्रॉड, आप भी रहें सतर्क  

आजकल जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ी है हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक आई है जिससे लोगों को बहुत सहूलियत भी हुई है तो वहीं अपराधियों को भी इस तकनीक से अपराधों को अंजाम देने में फ़ायदा हुआ है।

आजकल जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ी है हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक आई है जिससे लोगों को बहुत सहूलियत भी हुई है तो वहीं अपराधियों को भी इस तकनीक से अपराधों को अंजाम देने में फ़ायदा हुआ है। अब अपराधी दूर बैठे कहीं भी किसी को अपना शिकार बना लेते हैं। बता दें कि आजमगढ़ जिले में साइबर ठगी का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जिसमें डिजिटल अरेस्ट करके पीड़ित से पैसे निकलवा लिए जाते हैं।

आपको बता दें कि जिन लोगों को ऑनलाइन हो रहे हैं फ्रॉड के बारे में कम जानकारी होती हैं उन्हीं लोगों को साइबर अपराधी अपने चंगुल में आसानी से फंसा लेते हैं और मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। यह फ्रॉड करने का एक नया तरीका है जिसे डिजिटल अरेस्ट नाम दिया गया हैं। कानूनी तौर पर डिजिटल अरेस्ट नाम का कोई शब्द एक्जिस्ट नहीं करता यह एक फ्रॉड करने का तरीका है, जो साइबर ठग अपनाते हैं। इसका सीधा मतलब होता है ब्लैकमेलिंग से यानी इसके जरिए ठग अपने टारगेट को ब्लैकमेल करता है।

डिजिटल अरेस्ट में आपको वीडियो कॉलिंग के जरिए घर में बंधक बना लेता है वह आप पर हर वक्त नजर रख रहा होता है। बता दें कि डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग कोई सरकारी एजेंसी के अफसर या पुलिस अफसर बनकर आपको वीडियो कॉल करते हैं और आपसे कहते हैं कि आपका आधार कार्ड सिम कार्ड या बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए हुआ है।

वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए एसपी ट्रैफिक विवेक त्रिपाठी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट एक नए तरीके का अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति को फोन कॉल आता है और बताया जाता है कि उसका रिश्तेदार या उसका बेटा, कोई पति-पत्नि घायल हो गए हैं अथवा उनके साथ कोई घटना हो गई है उनको पुलिस ने पकड़ लिया है। ऐसे करके उनको कई घंटे तक फोन पर उलझाए रखते हैं और अंत में कहते हैं की मेरे खाते में पैसा डाल दो आपके बेटे के लिए ईलाज की आवश्यकता है या आपके बेटे या पत्नी को छोड़ने के लिए आवश्यकता है इसमें कई घंटे तक उस व्यक्ति पर नजर रखी जाती है। फ़ोन काल से हटने नहीं दिया जाता है जिससे पीड़ित व्यक्ति अपने रिश्तेदार से संपर्क नहीं कर पाता है। इसलिए इसको डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।

लोगों से अनुरोध किया कि अगर इस तरह की काल उनके मोबाइल पर आती है तो घबराने की जरूरत नहीं है सीधे पुलिस से संपर्क करें डायल 112 पर सूचना दें या थाने पर संपर्क कर सकते हैं।

इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार व दैनिक देवव्रत समाचार पत्र के संपादक विजय यादव ने बताया की 2 दिन पहले उनके पास भी इसी तरह की कॉल आई थी जिसमें एक पुलिस ऑफिसर बनकर व्यक्ति मुझे धमकाने की कोशिश कर रहा था लेकिन जब मैंने सख्ती से बात की तो कॉल करने वाले ने कॉल काट दी।

उन्होंने कहा कि इस तरह की कॉल आने पर कोशिश करें कि कॉल ना उठाएं अगर कॉल उठ गई है तो सामने वाले से सख्त लहजे में बात करें जिससे आप साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं अन्यथा उनके झांसे में आएंगे तो परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

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