तीर्थराज प्रयागराज महाकुंभ में होगा विशेष महायज्ञ

जयपुर। अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ, स्वामी करपात्री फाउंडेशन और वैदिक कायाकल्प संस्थान की ओर से तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर एक विशाल और विशेष महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह महायज्ञ 13 जनवरी से 12 फरवरी तक चलेगा, और इसमें कई महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान होंगे।

वैदिक कायाकल्प संस्थान के सचिव सुमित गुप्ता ने बताया कि इस आयोजन में 100 कुंडीय द्वादश पुरुषचरनात्मक होमात्मक, गायत्री स्मारत महायज्ञ, राजराजेश्वरी महायज्ञ, अष्टादस पुराण पारायण महायज्ञ, चतुर्वेद पारायण महायज्ञ सहित कई अन्य दिव्य अनुष्ठान होंगे। इसके अलावा, माघी कथा, श्रीमद् भागवत कथा, होमात्मक ईस्टी स्रोत महायज्ञ, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान 14 जनवरी से 12 फरवरी तक होंगे। इस दौरान तीन करोड़ से अधिक आहुतियां अर्पित की जाएंगी, जो इस यज्ञ के महत्व को और बढ़ाएंगी।इस आयोजन में जयपुर सहित प्रदेशभर से अनुष्ठान का सामान भेजा जाएगा और शहर के समाजसेवियों का विशेष योगदान रहेगा।

144 साल बाद प्रयागराज में सबसे बड़ा महायज्ञ

यह महायज्ञ विशेष रूप से ऐतिहासिक है क्योंकि 144 साल बाद प्रयागराज में हो रहे पूर्ण महाकुंभ के दौरान सबसे बड़ा महायज्ञ आयोजित किया जाएगा। इस महायज्ञ में 100 कुंडीय द्वादश पुरुषचरनात्मक होमात्मक, गायत्री स्मारत महायज्ञ, राजराजेश्वरी महायज्ञ और अष्टादस पुराण पारायण महायज्ञ का आयोजन होगा। इसमें तीन करोड़ से अधिक आहुतियां अर्पित की जाएंगी, और यह यज्ञ हर दिन 451 वैदिक ब्राह्मणों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा।

स्वामी करपात्री फाउंडेशन के सदस्य बाबा भक्ति प्रकाश (निरोगी बाबा) ने बताया कि इस महायज्ञ का आयोजन गायत्री तपोनिस्ट समर्थ त्रिंबकेश्वर चैतन्य और डॉ. गुण प्रकाश चैतन्यता के सान्निध्य में होगा। उनका कहना है कि इस महाकुंभ के दौरान यह आयोजन एक अद्भुत संयोग है, जिसमें मंगल कामनाओं के लिए वैदिक यज्ञ को एकमात्र साधन के रूप में मान्यता प्राप्त है।

महाकुंभ में ब्रह्मा जी द्वारा पहला यज्ञ

सुमित गुप्ता ने बताया कि सृष्टि कर्ता ब्रह्मा जी ने सृष्टि का पहला यज्ञ तीर्थराज प्रयागराज में ही किया था। इस वर्ष आयोजित होने वाले पूर्ण महाकुंभ में यह आयोजन एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें भाग लेने से जीवन में शांति, समृद्धि और मंगल कामनाओं की प्राप्ति की आशा की जाती है।

इस महायज्ञ में सच्चे साधकों और भक्तों के बीच एक गहरी आस्था और विश्वास को देखा जाएगा, और यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहेगा।

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