नई दिल्ली । दक्षिण अफ्रीका की सत्तारूढ़ अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) के नेता सिरिल रामफोसा को संसद ने अगले पांच साल के लिए दोबारा राष्ट्रपति चुना है। नेशनल असेंबली की पहली बैठक की अध्यक्षता करने वाले मुख्य न्यायाधीश रेमंड ज़ोंडो ने गुरुवार को ऐलान किया कि राष्ट्रपति चुनाव में रामफोसा को 283 वोट मिले, जबकि इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स के उम्मीदवार जूलियस मालेमा को 44 वोट मिले।
दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में सिरिल रामफोसा ने कहा कि उन्होंने अपने दोबारा निर्वाचन को ‘एक बड़ी जिम्मेदारी’ के रूप में स्वीकार किया है। वह उन लोगों के साथ भी काम करेंगे जिन्होंने उनका समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि मई के आखिरी में हुए आम चुनावों के परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देशवासी अपने नेताओं से मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।
रामफोसा ने कहा, अपने वोटों के जरिए हमारे लोग उम्मीद करते हैं कि गैर-नस्लवाद तथा गैर-लिंगवाद पर आधारित, शांति और न्याय पर आधारित लोकतांत्रिक समाज के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए और गरीबी, बेरोजगारी व असमानता की तिहरी चुनौतियों से निपटने के लिए व साथ ही सब के लिए समृद्धि हासिल करने के लिए सभी दल संविधान के ढांचे के भीतर एक साथ काम करेंगे।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कई दलों की सहमति से बनी राष्ट्रीय एकता की सरकार ‘दो या तीन दलों का एक बड़ा गठबंधन नहीं है। उन्होंने कहा, हम अब जनादेश से यहां हैं, ताकि हम यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकें कि हम उन चुनौतियों का समाधान करें जिनका जनता सामना कर रही है। मैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
बता दें कि दक्षिण अफ्रीकी संविधान के तहत नेशनल असेंबली द्वारा राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद निर्वाचित राष्ट्रपति को पांच दिन में पदभार ग्रहण करना होता है। गुरुवार को नेशनल असेंबली की ओर से जारी बयान के अनुसार, रामफोसा 19 जून को देश की प्रशासनिक राजधानी प्रिटोरिया में शपथ लेंगे।सांसदों ने शुक्रवार को एएनसी के थोको डिडिजा को नेशनल असेंबली का स्पीकर चुना, जो पहले कृषि मंत्री रह चुके हैं। डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) की एनेली लोट्रिएट डिप्टी स्पीकर चुनी गईं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एएनसी और मुख्य विपक्षी दल डीए ने शुक्रवार को राष्ट्रीय एकता की सरकार बनाने के लिए एक समझौता किया, जिसमें पैट्रिऑटिक अलायंस और इंकाथा फ्रीडम पार्टी भी शामिल होगी। बीती 29 मई को हुए आम चुनावों में एएनसी ने नेशनल असेंबली की 400 सीटों में से 159 सीटें हासिल कीं. पिछले 30 वर्षों में पहली बार संसद के निचले सदन में उसे पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।