दुबई। भारत की करिश्माई सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना को सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा 2024 की साल की सर्वश्रेष्ठ महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) क्रिकेटर के रूप में चुना गया। यह सम्मान मंधाना के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए दिया गया, जिन्होंने पूरे वर्ष अपने बल्ले से महिला क्रिकेट में नए मानक स्थापित किए।
2024 में किया करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
भारत की उप-कप्तान मंधाना ने 2024 में 13 वनडे पारियों में 747 रन बनाए, जो उनके करियर के किसी भी कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक है। यह बाएं हाथ की बल्लेबाज पूरे साल वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी रहीं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की लॉरा वोलवार्ट (697 रन), इंग्लैंड की टैमी ब्युमोंट (554 रन), और वेस्टइंडीज की हेली मैथ्यूज (469 रन) जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की।
चार शतक और सौ से अधिक बाउंड्री
मंधाना ने 2024 में चार शतक जड़े, जो महिला क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड है। उन्होंने पूरे साल 95 चौके और छह छक्के लगाए, जिससे उनका स्ट्राइक रेट 95.15 और औसत 57.86 रहा। यह आकंड़े उनके खेल की निरंतरता और आक्रामकता को दर्शाते हैं।
बड़े मुकाबलों में दिखाया दमखम
स्मृति मंधाना ने न केवल कमजोर टीमों के खिलाफ बल्कि मजबूत गेंदबाजी आक्रमण वाली टीमों के खिलाफ भी बेहतरीन पारियां खेलीं। जून 2024 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने लगातार दो शतक लगाए और भारत ने यह श्रृंखला 3-0 से अपने नाम की। इसी तरह, अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला के निर्णायक मुकाबले में उन्होंने शतक लगाकर टीम को जीत दिलाई।
दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गए मैच में मंधाना ने कठिन परिस्थितियों में 105 रनों की पारी खेली। हालांकि, इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी पारी को क्रिकेट विशेषज्ञों ने खूब सराहा। इस पारी में उन्होंने 14 चौके और एक छक्का लगाया।
मंधाना ने कहा – “यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात”
इस प्रतिष्ठित सम्मान के मिलने पर स्मृति मंधाना ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है। साल 2024 मेरे करियर का खास साल रहा, और मैं इस उपलब्धि को अपनी टीम और उन सभी लोगों को समर्पित करती हूं, जिन्होंने मेरी यात्रा में मेरा साथ दिया। मैं आगे भी इसी तरह भारत के लिए प्रदर्शन करती रहूंगी।”
भारत का नाम किया रोशन
मंधाना का यह प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय महिला क्रिकेट के बढ़ते कद और उनके योगदान का प्रमाण है। उनके शानदार खेल ने उन्हें क्रिकेट जगत में एक आदर्श खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।