ब्रिजटाउन। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कभी टी20 क्रिकेट से विदा लेने के बारे में सोचा नहीं था लेकिन विराट कोहली की तरह युवा पीढी के लिये रास्ता बनाने के लिये उन्होंने यह फैसला लिया और कहा कि विश्व कप ट्रॉफी जीतने के साथ विदा लेने से बढिया क्या हो सकता है। दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में सात रन से हराने के बाद चुनिंदा मीडिया से बातचीत में रोहित ने कहा कि टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता हालांकि उन्होंने कहा कि वह आईपीएल खेलते रहेंगे।
उन्होंने कहा, मैं अपने भविष्य के बारे में इस तरह से फैसले नहीं लेता। मुझे जो भीतर से अच्छा लगता है, मैं वही करता हूं। मैं आगे के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। मैने पिछले साल वनडे विश्व कप के बाद भी नहीं सोचा था कि यह विश्व कप खेलूंगा या नहीं। उन्होंने कहा, मैने कभी सोचा नहीं था कि टी20 से संन्यास लूंगा। लेकिन हालात परफेक्ट हैं। विश्व कप जीतकर विदा लेना बेहतर है। रोहित ने कहा कि यह जीत सितारों में लिखी हुई थी।
उन्होंने कहा, जो लिखा है, वो होने वाला है। ये लिखा था लेकिन हमको पता नहीं है कि कब लिखा है। नहीं तो हम आराम से आते और बोलते कि लिखा है, हो जायेगा। उन्होंने कहा, सब कुछ ठीक होना जरूरी है। एक समय हम मैच में पीछे थे और लगा था कि वे आसानी से जीत जायेंगे।
रोहित 2007 में पहले विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खिताब जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे। अपने सफर के बारे में उन्होंने कहा, मुझे बताया गया कि मैने 2007 में शुरूआत की तब भी हमने विश्व कप जीता था और अब विश्व कप के साथ विदा ले रहा हूं। जिंदगी का चक्र पूरा हो गया। मैं बहुत खुश हूं। मैं उस समय 20 साल का था। मैं खिलाड़ियों से कहता हूं कि अपनी भूमिका निभाये। मैं उस समय पांचवें . छठे नंबर पर उतरता था।
उन्होंने कहा, अब मैं खेल को बेहतर समझता हूं। इतने साल खेल जो चुका हूं।यह सफर शानदार रहा। मैं हमेशा भारत के लिये मैच, खिताब जीतने की कोशिश करता हूं। मुझे नहीं पता कि यह महानतम जीत है या नहीं लेकिन महानतम में से एक है। इससे पहले उन्होंने प्रसारक से बातचीत में कहा था, मैं बता नहीं सकता कि इस समय कैसा महसूस कर रहा हूं। शब्दों में नहीं बता सकता। पिछली रात मैं सो नहीं सका। मैं हर हालत में जीतना चाहता था। उन्होंने कहा, यह बताना मुश्किल है कि पिछले तीन चार साल में हमने कितनी मेहनत की है। सिर्फ आज की बात नहीं है , इसके पीछे तीन चार साल की मेहनत है।
पिछले साल वनडे विश्व कप फाइनल में मिली हार को वह भूले नहीं थे। उन्होंने कहा, कई दबाव भरे मुकाबलों में हम जीत नहीं सके। खिलाड़ियों को पता है कि दबाव में क्या करना है और आज उसका परफेक्ट उदाहरण था। हम एक साथ डटे रहे। रोहित ने कहा कि विराट कोहली और कोच राहुल द्रविड़ को भी इस खिताब का श्रेय जाता है। उन्होंने कहा, हम सभी से ज्यादा राहुल भाई इस ट्रॉफी के हकदार थे। उन्होंने पिछले 20-25 साल में भारतीय क्रिकेट के लिये जो किया है, सिर्फ विश्व कप जीतना ही बाकी था। पूरी टीम की तरफ से मैं बहुत खुश हूं कि हम उनके लिये जीत सके।
उन्होंने कहा, विराट चैम्पियन क्रिकेटर रहा है। हम सभी को पता है कि उसने हमारे लिये क्या किया है।एक समय तो सबको विदा लेना ही है और विराट इसे लेकर काफी स्पष्ट था। मैं उसके लिये बहुत खुश हूं कि उसने फाइनल में इस तरह की बल्लेबाजी की।