
लखनऊ। भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में निलंबित चल रहे आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ राजस्व विभाग ने चार्जशीट देने के लिए वृस्तित रिपोर्ट नियुक्ति विभाग को भेज दी है। इसमें राजस्व परिषद के तत्कालीन चेयरमैन रजनीश दुबे की जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपो पर स्पस्टीकरण मांगा गया हैं।
डिफेन्स कारीडोर भूमि घोटाले के समय क्रय समिति के अध्यक्ष लखनऊ के डीएम के रूप में अभिषेक प्रकाश थे। फर्जी पट्टे के आधार पर मुआवजा दिया गया। राजस्व संहिता की धारा 76(3) के तहत 5 वर्ष पूरे हुए बिना किसानों को असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर दर्ज कर दिया गया। कुछ अनुसूचित जाति के पट्टेदारों की भूमि गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को बेचने की अनुमति नियमविरुद्ध ढंग से तथ्यों को छिपाकर दी गई।
साजिश के तहत ग्राम समाज की भूमि का मुआवजा दिया गया। क्रय समिति के अध्यक्ष के रूप में तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, अब नियुक्ति विभाग इस चार्जशीट को अभिषेक प्रकाश को भेजेगा। उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
सोलर संयंत्र लगाने को लेकर इन्वेस्ट यूपी में रिश्वत मांगने के मामले में एसआईटी ने कोर्ट में 1600 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट के मुताबिक शिकायतकर्ता विश्वजीत ने अपने बयान में कहा है कि तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश के कहने पर निकांत जैन ने उनसे 5 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने एफआईआर में लिखाए अपने बयान को दोहराया है।
एसआईटी का कहना है कि एफआईआर दर्ज कराने वाले विश्वजीत दत्ता के बयान की सत्यता को परखा जा रहा है। अगर बयान में उसके आरोप सच पाए जाते हैं और एफआईआर में अन्य आरोपितों का नाम बढ़ा दिया जाएगा। इस प्रकरण में गोमतीनगर थाने में 20 मार्च को निकांत जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ही निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था। साथ ही सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलम्बित कर दिया गया था।