
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान एक अहम मानवीय पहल में श्रीलंकाई सरकार ने 14 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। यह रिहाई प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच मछुआरों के मुद्दे पर हुई विस्तृत चर्चा के बाद संभव हुई।
संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मछुआरों के मामलों में दोनों देशों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। उन्होंने मछुआरों की तत्काल रिहाई और जब्त की गई नौकाओं की वापसी पर जोर दिया। 2025 की शुरुआत से अब तक 119 भारतीय मछुआरे और 16 नौकाएं श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा पकड़ी जा चुकी हैं, जिससे तटीय इलाकों में चिंता का माहौल है।
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि श्रीलंकाई पक्ष ने 11 और मछुआरों को शीघ्र रिहा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मछुआरों की आजीविका से जुड़ा यह मुद्दा दोनों देशों के लिए संवेदनशील है और इसका समाधान रचनात्मक सहयोग से ही संभव है।
यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका ने महो-ओमानथाई रेलवे ट्रैक और महो-अनुराधापुरा खंड के लिए भारत द्वारा समर्थित रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया गया, जो श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए द्वार खोलेगी।