राजीव गांधी की समाधि ‘वीर भूमि’ पहुंचे राहुल गांधी, पिता को दी श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली। देश के पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 80वीं जयंती है। इस मौके पर कांग्रेस नेता और राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी पिता की समाधि वीर भूमि पहुंचे हुए हैं। दिल्ली में मंगलवार सुबह से हो रही झमाझम बारिश के बीच राहुल गांधी पिता की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। भीखे हाथों से गीले फूल लिए राहुल गांधी ने समाधि पर पुष्प वर्षा की। राहुल गांधी का यह वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह सफेद कुर्ता-पजामा पहने हुए हैं और उनके साथ अन्य कार्यकर्ता मौजूद है।

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता की जयंती पर अन्य नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसी कड़ी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आज देश सद्भावना दिवस मना रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे। उन्होंने करोड़ों भारतीयों में उम्मीद की किरण जगाई और अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचाया।

उन्होंने कहा, “मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम, शांति समझौते जारी रखना, महिला सशक्तीकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और समावेशी शिक्षा पर जोर देने वाली नई शिक्षा नीति जैसी उनकी कई उल्लेखनीय पहलों ने देश में परिवर्तनकारी बदलाव लाए। हम भारत रत्न राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं।

पार्टी के आरएस सांसद जयराम रमेश ने भी भारत के राजनीतिक और तकनीकी परिदृश्य में राजीव गांधी के योगदान का जश्न मनाया। रमेश ने कहा कि आज राजीव गांधी 80 वर्ष के हो गए हैं। उनका राजनीतिक जीवन छोटा लेकिन बहुत महत्वपूर्ण था। मार्च 1985 के बजट में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने आर्थिक नीति के प्रति नए दृष्टिकोण की शुरुआत की। 1991 के लोकसभा चुनावों के लिए घोषणापत्र, जिस पर उन्होंने अपनी दुखद हत्या से कुछ सप्ताह पहले लंबे समय तक काम किया था, ने जून-जुलाई 1991 के राव-मनमोहन सिंह सुधारों के लिए नींव रखी।

असम, पंजाब, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे देश के अशांत क्षेत्रों में शांति समझौते उनकी राजनीतिज्ञता के कारण संभव हो पाए, जिन्होंने राष्ट्रीय हित को अपनी पार्टी के तात्कालिक हितों से ऊपर रखा। आज हम न केवल एक प्रधानमंत्री को याद करते हैं, बल्कि एक बहुत ही अच्छे और देखभाल करने वाले इंसान को भी याद करते हैं, जिन्होंने कोई दुर्भावना नहीं दिखाई, कोई प्रतिशोध नहीं दिखाया, कोई बदला नहीं लिया, कोई आडंबर और आत्म-प्रशंसा नहीं की और आत्म-भ्रम के किसी भी गुण का प्रदर्शन नहीं किया।

बता दें कि राजीव गांधी ने 1984 में अपनी मां और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की कमान संभाली थी। वह 40 वर्ष की आयु में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी।

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