लोक परीक्षा विधेयक 2024 संसद में हुआ पेश, अब पेपर लीक और नकल माफियाओं की नहीं खैर

भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आज लोक परीक्षा विधेयक 2024 संसद में पेश किया।

मोदी सरकार आज बच्चों को एक बड़ी सौगात देने जा रहे है। भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या किसी अन्य अनियमितता के मामले सामने आते रहते हैं। इनके कारण कई बार पूरी परीक्षा रद्द करनी पड़ती है, जिससे सभी छात्रों को परेशानी होती है। इन हालातों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अब नया कानून लाने की तैयारी की है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए आज यानी सोमवार 5 फरवरी को लोक परीक्षा विधेयक 2024 संसद में पेश किया। आपको बता दें कि केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा यह विधेयक संसद में पेश किया गया है।

इस बिल को पेश करने का इरादा खासतौर पर देश में लगातार पेपर लीक के मामलों पर रोक लगाना है। पेपर लीक होने से बच्चों का करीब एक साल ख़राब होता है। इस बिल में पेपर लीक होने पर अपराधी को कम से कम तीन से पांच साल तक की जेल और संगठित अपराध के लिए 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान दिया गया है।

लोकसभा में पास होने के बाद इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया जाएगा। दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा। माना जा रहा है कि जल्द ही होने वाले लोकसभा चुनाव और जून तक होने वाली विभिन्न भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं को देखते हुए यह सार्वजनिक परीक्षा विधेयक संसद के इसी सत्र में पारित हो सकता है।

इस विधेयक के कानून बनने के बाद इसके दायरे में यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग), एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग), रेलवे (रेलवे भर्ती बोर्ड आरआरबी), बैंकिंग (आईबीपीएस, एसबीआई आदि) भर्ती परीक्षाओं के साथ-साथ मेडिकल (एनईईटी) भी शामिल होंगे। यूजी/पीजी), इंजीनियरिंग (जेईई मेन/एडवांस्ड आदि), सीयूईटी (यूनिवर्सिटी यूजी/पीजी एंट्रेंस टेस्ट) आदि प्रवेश परीक्षाएं भी आएंगी।

सरकार के मुताबिक, इस बिल से परीक्षाओं की नक़ल और रोक में कमी आएगी। देश में कुछ दिनों पहले ही झारखंड में सीजीएल यानी कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल नियुक्ति परीक्षा का पेपर लीक होने से राज्य में हजारों छात्रों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी तरह देश के कई राज्यों में पेपर लीक के मामलें सामने आते रहते है। जिसकी वजह से लाखों परीक्षार्थियों की मेहनत व्यर्थ हो जाती है।

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