नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और गरीबी उन्मूलन में मददगार साबित होगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि यह कार्ड 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों के लाभार्थियों को सौंपे जा रहे हैं। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज 65 लाख कार्ड वितरित किए जाने के बाद अब गांवों में कुल 2.24 करोड़ लाभार्थियों के पास स्वामित्व संपत्ति कार्ड होंगे। यह कार्ड उन्हें ऋण प्राप्त करने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
उन्होंने कहा, संपत्ति अधिकार दुनिया भर में एक बड़ी चुनौती है। कई साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक अध्ययन किया था, जिसमें पता चला था कि कई देशों में लोगों के पास संपत्ति के अधिकार के लिए कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गरीबी उन्मूलन के लिए संपत्ति अधिकार महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा था कि गांवों में संपत्ति एक मृत पूंजी है, क्योंकि लोग इसके साथ कुछ नहीं कर सकते और यह उनकी आय बढ़ाने में भी मदद नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, भारत में भी इस चुनौती का असर देखने को मिला। गांवों में लोगों के पास लाखों-करोड़ों की संपत्ति होती है, लेकिन उनके पास उसके कागजात नहीं होते। झगड़े होते थे, संपत्ति हड़प ली जाती थी, और बैंक भी उस पर लोन नहीं देते थे। उन्होंने कहा, पिछली सरकारों को इस संबंध में कुछ कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन कुछ खास नहीं किया गया। मोदी ने कहा कि दलित, पिछड़े वर्ग और आदिवासी इस कानून से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।उन्होंने कहा, कानूनी संपत्ति अधिकार मिलने के बाद लाखों लोगों ने ज्ण लिया है। उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपना कारोबार शुरू करने में किया है। इनमें से कई किसान हैं, जिनके लिए ये संपत्ति कार्ड वित्तीय सुरक्षा की गारंटी है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वामित्व और भू-आधार गांवों के विकास की नींव बनेंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ललन , केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज भी उपस्थित थे। इसमें कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने डिजिटल माध्यम से भाग लिया। संपत्ति कार्डों के भौतिक वितरण के लिए 230 से अधिक जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि संपत्ति कार्डों के क्षेत्रीय वितरण समारोहों की देखरेख के लिए देश भर से लगभग 13 केंद्रीय मंत्री निर्दिष्ट स्थानों से भौतिक रूप से शामिल होंगे।