प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर भूटान पहुंचे हुए है। आज उनके भूटान के आधिकारिक दौरे का आखिरी दिन है। इस दौरान पीएम मोदी ने आज थिम्फू में ग्यालत्सुएन जेत्सुन पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। बता दें, अस्पताल को भारत सरकार की मदद से बनाया गया है।
भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने कहा, ‘भूटान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय राजकीय यात्रा का स्वागत कर सम्मानित महसूस कर रहा है। दो दिवसीय राजकीय यात्रा इससे बेहतर नहीं हो सकती थी। भूटान के हर नागरिक ने खुले दिल से उनका स्वागत किया है। यह ऐतिहासिक यात्रा दोनों देशों के बीच पहले से ही मजबूत संबंधों को और मजबूत करने वाली है।’
तोबगे ने कहा, ‘पूरे देश की ओर से, सभी भूटानी लोगों की ओर से, मैं पीएम मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई देना चाहता हूं। वह इसे प्राप्त करने वाले पहले विदेशी हैं इसलिए हमें बहुत गर्व है।’
भूटान के स्वास्थ्य मंत्री ल्योनपो टैंडिन वांगचुक ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस अस्पताल का उद्घाटन करना स्वास्थ्य मंत्रालय और भूटान के सभी लोगों के लिए सम्मान की बात है। अस्पताल में 150 बेड हैं, जो भूटान की सभी माताओं और बच्चों को समर्पित है।’
ल्योनपो टैंडिन वांगचुक ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि कोविड के दौरान, भूटान सरकार और यहां के लोग भाग्यशाली थे कि कोविड के दौरान करीब डेढ़ लाख वैक्सीन की डोज भारत सरकार ने दी। इससे दोस्ती बढ़ी है और हर कोई इसे याद रखता है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कल घोषित की गई इस पहल में 13वीं पंचवर्षीय योजना और हम इस योजना में 100 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता के लिए सरकार और भारत के लोगों के बहुत आभारी हैं। 13वीं पंचवर्षीय योजना के तहत हम कैंसर अस्पताल शुरू करेंगे। अभी हम कैंसर के सभी मरीजों को इलाज के लिए भारत भेजते हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान से भारत के लिए रवाना हुए। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे भी उन्हें हवाई अड्डे पर छोड़ने आए।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘ग्यालत्सुएन जेत्सुन पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड अस्पताल का उद्घाटन किया, जो कई परिवारों के लिए एक आशा की किरण के रूप में है। यह अस्पताल एक स्वस्थ भविष्य की पीढ़ी को पोषित करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।’
पीएम मोदी ने भारत रवाना होते हुए कहा, ‘दिल्ली के लिए रवाना होते समय हवाई अड्डे पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे मुझे छोड़ने आए। मुझे बहुत सम्मानि महसूस हुआ। भूटान की यह यात्रा काफी खास रही। मुझे राजा, प्रधानमंत्री तोबगे और भूटान की जनता से मिलने का अवसर मिला।
हमारी बातचीत भारत-भूटान मित्रता को और मजबूती देगी। मैं ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित होने के लिए भी आभारी हूं। मैं भूटान की अद्भुत जनता का गर्मजोशी और आतिथ्य सत्कार के लिए बहुत आभारी हूं। भूटान के लिए भारत हमेशा एक विश्वसनीय दोस्त और साझेदार रहेगा।’