सन्दलपुर कानपुर देहात ब्लॉक क्षेत्र के हिसावां गॉव में 114वां धनीजाख बाबा के मेले के अवसर पर आयोजित धनुषभंग कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में समाजसेवी एडवोकेट रविन्द्र कुशवाहा ने भगवान श्रीराम माता जानकी, भरत जी की आरती उतारकर फीता काटते हुए विशाल धनुषभंग कार्यक्रम शुरू हुआ। इस दौरान मुख्यअतिथि रविन्द्र कुशवाहा एवं विशिष्ट अतिथि संजय सिंह का मेला कमेटी अध्यक्ष एडवोकेट डीएस मिश्रा ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
वहीं राम भक्तों को संबोधित करते हुए समाजसेवी रविन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली है कि कि पांच सौ वर्षों बाद इस जीवन काल में भगवान श्रीराम के नव्य, दिव्य, भव्य मंदिर देखने को मिला। आज भी पुरातन संस्कृति हमारे जीवन का सच्चा मार्ग है। हमारे धर्म शास्त्र हमें जीवन जीने का तरीका सिखाने के साथ भविष्य का भी मार्ग दर्शन करते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान और आयोजन हमारी आने वाली पीढ़ी में संस्कारों का भंडारण करते हैं। हिसावां गांव के लोगों के द्वारा प्रति वर्ष कराए जाने वाले धार्मिक कार्यक्रम हमें अपनी सांस्कृति विरासत को आगे बढ़ाने में सिद्धि दे रहे हैं। निश्चितरूप से ऐसे कार्यक्रम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र से हमें अनेको शिक्षाएं भी प्राप्त होती है जिसमें सबसे पहले माता की इच्छा और पिता के आदेश का पालन करना, पत्नी का ध्यान रखना, भाई से प्रेम और सामाजिक भाईचारा पशु पक्षियों से प्रेम, निर्बल की मदद करना आदि ज्ञान प्राप्त होता है।
इस मौके पर समाजसेवी रविन्द्र कुशवाहा ने हिसावां में आयोजित होने वाले धनीजाख बाबा मेला और धनुषभंग कार्यक्रम को लेकर आयोजकों, सहयोगियों का हार्दिक आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों से हमारी पुरातन सनातन संस्कृति का नई पीढ़ी में तो समावेश होता ही है साथ ही सामाजिक मेल जोल और भाईचारे का भी साक्षात दर्शन देखने को मिलता है जहां सभी हिन्दू भाई ऐसे कार्यक्रमों शामिल होते हैं, यह अखंडता और एकता ही हमारी साक्षी विरासत है।
इस अवसर पर वर्ष 2022-23 में हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में प्रथम विजेता को रेंजर साइकिल, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाने वाले को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।
इस दौरान मेला अध्यक्ष एडवोकेट डी एस मिश्रा, ग्राम प्रधान विपिन कुशावाहा रिंकू, हरिनाम सिंह शिप्पू, बब्लू दुबे, मुख्यरूप से मौजूद रहे।