नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के कई घटक दलों ने सोमवार को अदाणी समूह से जुड़े विवादों को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (उबाठा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कुछ अन्य दलों के सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार के पास एकत्र होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की।
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे प्रमुख रूप से शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने “मोदी-अदाणी एक हैं” और “वी वांट जस्टिस” (हम न्याय चाहते हैं) के नारे लगाए। कांग्रेस सांसद शिवाजी कलगे और मणिकम टैगोर ने प्रतीकात्मक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी का मुखौटा पहना था, जिससे वे दोनों एक ही व्यक्ति के रूप में प्रतीत हो रहे थे।
राहुल गांधी ने दोनों कांग्रेस सांसदों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पूछा कि यह रिश्ता कितना पुराना और खास है। उनका यह वीडियो विपक्षी दलों के विरोध को और मजबूत करता दिखा।
तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी रहीं दूर
हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद शामिल नहीं हुए। बीजेपी ने आरोप लगाया कि इंडिया गठबंधन में अब एकजुटता नहीं रही है और यह बिखर चुका है। इस पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने सफाई देते हुए कहा कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है और यह सिर्फ एक ‘प्रेरणादायक कार्यक्रम’ था।
अदाणी मामले पर विपक्ष की मांग
अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति से इस मामले की जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं। अमेरिका के अभियोजकों ने गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं, जिसके बाद कांग्रेस ने इस मामले में और अधिक कार्रवाई की मांग की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तो हाल ही में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की थी।
अदाणी समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार और झूठा बताया है, और कहा है कि वे इस मामले में पूरी तरह से कानूनी रूप से सफाई देंगे।
इस प्रदर्शन ने संसद में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जिसमें विपक्ष और सरकार के बीच अदाणी समूह से जुड़े आरोपों पर तकरार तेज हो गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले की जांच की दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे और विपक्षी दलों के अगले आंदोलन क्या होंगे।