लखनऊ। मंगलवार को मानवता के मंदिर विजय श्री फाउंडेशन , प्रसादम सेवा के तत्वाधान में स्वर्गीय डॉ. धनवीर सिंह जी पुत्र स्वर्गीय जनार्दन सिंह जी की पुण्य तिथि के अवसर पर आपके पूरे परिवार ने प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश सेवा भाव की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए पूरी श्रद्धा और तन्मयता से लोहिया हॉस्पिटल , लखनऊ में नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हे प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर आप लोग नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गए , आप लोगो ने इंसानियत ही सबसे बड़ा मजहब के भाव को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया।
मित्रों , सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है, जिसे मानव सहजता से अपने जीवन में अंगीकार कर सकता है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर हमारे अंतिम सेवा काल तक सेवा ही एक मात्र ऐसा आभूषण है, जो हमारे जीवन को सार्थक सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। हम सभी को चाहिए कि सेवा के इस महत्व को समझें व दूसरों को भी इस ओर जागरूक करने की पहल करें।
मैं फूडमैन विशाल सिंह ,विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्वर्गीय डॉक्टर धनवीर सिंह जी पुत्र स्वर्गीय जनार्दन सिंह जी की पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ । भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में आपके पूरे परिवार ने प्रतिभाग करते हुए गरीब , असह्य , भूख से तडफते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है , इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि आप और आपका परिवार हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे । यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है ।
मेरे जुनून पर मुझे इतना ऐतबार है,
जो कुछ सोचा ज़ेहन में, उसमें कामयाबी पाई है।
ऐ भूख, अब तू अपने वजूद पर नाज़ न कर,
क्योंकि तुझे मिटाने की मैंने कसम खाई है।”फूडमैन विशाल सिंह