लखनऊ । आज विजय श्री फाउन्डेशन(प्रसादम सेवा ) में अमेरिका में रह रही लखनऊ की बेटी इशिता ने अपने माता -पिता द्वारा मिला सेवा संस्कार के भाव को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ जन्मदिन के मंगल वेला पर लोहिया हॉस्पिटल लखनऊ में सैकडों कैंसर पीड़ित मरीजों के निःशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर अपने जन्मदिन पर सेवारूपी मंगलकारी तोहफा प्रदान किया।
इशिता ने अपने जन्मदिन पर लोगों की भोज सेवा करते हुए विजय श्री फाउन्डेशन के संस्थापक विशाल सिंह फ़ूडमैन जी को धन्यवाद। उन्होंने कहा विजयश्री फाउन्डेशन में इतनी अच्छी व्यवस्था और साफ सफाई की भी तारीफ की और साथ उनके सेवा में सहयोग प्रदान करने वाले कर्मयोगी साथियों की भी प्रशंसा की। इशिता शुक्ला ने आगे कहा की बिना आप सबके सहयोग ही आज हम अपने जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मना पाए ।
अपने माता पिता द्वारा दिए गये संस्कार और सेवा भाव को आगे बढ़ाते हुए बर्थडे गर्ल इशिता शुक्ला ने आगे कहा कि सेवा की प्रक्रिया में सेवाभोगी और उससे अधिक सेवादार लाभान्वित होते हैं। पहले पक्ष को उस आवश्यक सामग्री या सेवा की आपूर्ति होती है जो दूसरे पक्ष के पास आवश्यकता से अतिरिक्त है। निम्न सोच के व्यक्ति को सेवा की नहीं सूझती, वह इसे तुच्छ समझता है।
निष्ठा से, स्व-अर्जित में से एक अंश जरूरतमंद को देना सेवा का मुख्य घटक है। वही तीर्थाटन फलीभूत होता है जिस पर व्यय भी अपनी शुद्ध कमाई से किया जाए, अनैतिक आय या अनुदान से नहीं। सेवाकर्मी श्रद्धा और सामथ्र्य अनुसार दूसरे व्यक्ति या संस्था को उसकी आवश्यकता या अपेक्षा के अनुसार धन, वस्तु, सुविधा या सेवा प्रदान करते हैं।
साथियों, सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए, आप लोगों ने दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया। इस अवसर पर आज जन्मदिन के तोहफे पर ठाकुर विनीत बिसेन जी ने सेवा की नीव रख जन्मदिन का तोहफा प्रदान किया।
वहीं इस शुभ असर पर विजयश्री फाउन्डेशन के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने इशिता के सेवा भाव और विचार की सराहना करते हुए जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने आप अपने जीवन में खूब तरक्की करे और साथ ही अपने माता-पिता के द्वारा दिये गए संस्कार व सेवा भाव को ऐसे ही आगे बढ़ाती रहे ।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि परमात्मा ने हमें इस धरती पर इसीलिए भेजा हैं ताकि दान, धर्म, पुण्य करके हम गरीबों, असहाय लोगों की मदद कर सकें। जन्मदिन’ तो हमारे लिए एक सुनहरा अवसर होता हैं इस मौके पर , यदि हम किसी भूखे का पेट भरते हैं तो उसकी आत्मा तो तृप्त होती हैं साथ ही परमात्मा का भी आर्शीवाद मिलता हैं। क्योंकि जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं इसलिए जन्मदिन के इस खास मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि कोई भूखा न रहें।
इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि आप और आपका परिवार हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे । यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है ।