लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) ने नवरात्री के शुभ अवसर पर सभी नगरीय निकायों में स्वच्छता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और नेतृत्व को मजबूत करने के लिए नारी शक्ति को ‘नवदेवी सम्मान 3.0’ समारोह एवं ‘विमेन स्वच्छता लीडर्स अवार्ड’ से सम्मानित करने का आह्वान किया है।
अपर निदेशक ऋतु सुहास ने कहा, स्त्री शक्ति राष्ट्र शक्ति का अभिन्न अंग होती है। जिसे सशक्त और शामिल किये बिना कोई भी राष्ट्र शक्तिशाली नहीं हो सकता।
नारी की सुदृढ एवं सम्मानजनक स्थिति एक उन्नत, समृद्ध तथा मजबूत समाज की द्योतक है तथा स्वच्छता के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान एवं विभिन्न प्रयास अतुलनीय है। इसी को ध्यान में रखकर स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को प्रदेश स्तर पर विभाग द्वारा 17 अक्टूबर 2024 को सम्मानित किया जायेगा।
सुहास ने बताया कि नवरात्रि का पर्व पर 03 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के मध्य मनाया जा रहा है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चन्द्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी एवं मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है।
इन्हीं शक्तियों की पहचान करते हुए मां दुर्गा के 9 रूपों के अनुसार निकाय स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के प्रयासों को पहचान की जाएगी।
स्वच्छता के क्षेत्र में महिलाओं की भागदारी बढ़ाने, उत्साह बढ़ाने और उन्हें स्वच्छता में प्रति जागरूक करने के लिए उन्हें 17 अक्टूबर को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के आधार पर निकाय स्तर पर नौ श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा, जिससे स्थायी स्वच्छता सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।
अपर निदेशक ने बताया कि लिंक और क्यू.आर. के माध्यम से निकायों में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं का रजिस्ट्रेशन 12 अक्टूबर तक कराया जायेगा। उसके पश्चात् समिति द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का चयन कर उन्हें राज्य स्तर पर विभाग द्वारा सम्मानित किया जायेगा।
इन नौ श्रेणियों में होगा सम्मान :
पहला दिन – (मां शैलपुत्री) – अपशिष्ट प्रबंधन में उद्यमी (इंटरप्रीन्योर इन वेस्ट मैनेजमेंट) – अपशिष्ट प्रबंधन को एक उद्योग के रूप में तैयार किया जाना, जिससे कि नागरिकों को रोजगार प्राप्त हुआ हो।
दूसरा दिन (मां ब्रह्मचारिणी) – स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) का ऐसा समूह जिसने स्वच्छता के क्षेत्र में स्वयं भी उल्लेखनीय कार्य किया हो और दूसरों को भी प्रेरित किया हो।
तीसरा दिन (मां चन्द्रघंटा) – स्वच्छता के प्रति उत्कृष्ट कार्य (नोटेबल पब्लिक सर्विसेज) हेतु जागरुकता एवं नागरिकों का जुडा़व।
चौथा दिन (मां कूष्मांडा) – नवाचार (इनोवेशन्स) स्वच्छता के क्षेत्र में महिलाओं द्वारा कोई नवाचार किया गया हो।
पांचवां दिन (मां स्कंदमाता) – सामुदायिक खाद (कम्युनिटी कंपोस्टिंग) ऐसी महिलाएं जिन्होंने सामुदायिक खाद बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया हो।
छठा दिन (मां कात्यायनी) – सामुदायिक जागरुकता (कम्युनिटी अवेयरनेस) हेतु विभन्न अभियानों व गतिविधियों के माध्यम से लोगों का जुडा़व एवं महिला द्वारा समुदाय को स्वच्छता (3 आर-रिड्यूज, रियूज, रिसाइकल, एसयूपी) के संदर्भ में जागरूक किया हो। ऐसे कार्यों को प्राथमिकता देने वाली महिलाओं एवं उनके समूहों ने योगदान दिया हो।
सातवा दिन (मां कालरात्रि) – निकाय में स्वच्छता के प्रति कार्य (अचीवमेन्ट इन स्वच्छता) महिलाओं के प्रयासों द्वारा निकाय की स्थिति में परिवर्तन आया हो। यथा निकायों का सौन्दयीकरण, साफ-सफाई, स्वच्छता के कार्यों में जन सहभागिता को बढाना और उसकी ओनरशिप लेना।
आठवां दिन (मां महागौरी) – (यंग अचीवर्स इन स्वच्छ सारथी क्लब्स) स्वच्छ सारथी क्लबों में महिलाओं का योगदान दिया जा रहा हो।
नवां दिन (मां सिद्धिदात्री) – सांस्कृतिक जुडाव़ (कल्चरल कनेक्ट) के माध्यम से महिलाओं द्वारा समुदाय को स्वच्छता के सदर्भ जागरूक किया जा रहा हो।