उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं के लिए दुखद खबर है। संभल में वरिष्ठ नेता और सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया। वह 94 साल के थे। बर्क लंबे समय से चल बीमार चल रहे थे। उन्होंने मुरादाबाद के अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने उन्हें टिकट दिया था। वे पार्टी में सबसे उम्रदराज नेता थे।
डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क अपने पीछे बेटे के अलावा पोता, पोती छोड़ गए हैं। उनका पोता जियाउर्रहमान विधायक है। जबकि पोती डॉक्टर है। पोती की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था। जियाउर्रहमान ने बताया कि उनके दादा की अचानक तबियत ज्यादा खराब हो गई थी। इसलिए उन्हें मुरादाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार भी हुआ था। लेकिन मंगलवार सुबह अचानक उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। जहां उनकी मौत हो गई।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बर्क के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने दिवगंत आत्मा की शांति और परिवार को कष्ट सहने की क्षमता देने के लिए प्रार्थना की है।
इसके अलावा बीएसपी चीफ मायावती ने भी सांसद शफीकुर्रहमान के निधन पर शोक जताया हैं। उन्होंने कहा कि शफीकुर्रहमान के निधन की खबर दुखद हैं। शफीकुर्रहमान के परिवार के प्रति संवेदनाएं जाहिर की। आगे उन्होंने कहा कि शफीकुर्रहमान एक मिलनसार व नेक दिल इंसान थे।
आपको बता दें कि शफीकुर्रहमान अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे। बर्क बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रहे थे। उन्होंने वंदे मातरम गीत की हमेशा मुखालफत की। उन्होंने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया था। साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान की कार्रवाइयों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के लिए भी भाजपा समेत अन्य राष्ट्रवादी पार्टियों के निशाने पर आए थे।