नाटक के जरिये वसुधैव कुटुम्बकम् और वंदेभारत का दिया संदेश

लखनऊ। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भारत रंग महोत्सव की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जन भारत रंग कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया गया। जिसके तहत रंगमंडल विजय बेला एक कदम खुशियों की ओर द्वारा चन्द्रभाष सिंह के निर्देशन में लो आई वापस सोने की चिड़िया नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन 21 फरवरी को भूतनाथ मार्केट में थाने के सामने किया गया। इसके लेखक ललित प्रकाश थे।

कार्यक्रम में ढोलक की थाप और गायन के माध्यम से दर्शकों की इकट्ठा किया गया फिर तेरी मिट्टी में मिल जावा देश भक्ति गाने पर नृत्य किया गया जिससे कि दर्शकों का जमावड़ा हो गया. तत्पश्चात वसुधैव कुटुंबकम् पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। खत्म हुई अब दु:ख की घड़ियां, जोड़ेंगे सब टूटी कड़ियां नाट्य गीत के साथ शुरू हुई इस प्रभावी प्रस्तुति के माध्यम से कलाकारों ने यह सम्प्रेषित किया कि अगर व्यक्ति अपने आचरण को संवार लेगा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दुबारा विश्व गुरु बन जाएगा और इसे लोग सोने की चिड़िया कहने लगेंगे।

इसमें दहेज, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, भेदभाव आदि से मुक्ति का मार्ग दिखाया गया। शिक्षा और महिला सशक्तिकरण का भी संदेश दिया गया। इसके साथ ही पंचम वेद नाट्यशास्त्र के बारे में भी जानकारी दी गई। इस संगीतमय प्रस्तुति में सूत्रधार की भूमिका निहारिका कश्यप, सुंदरम मिश्रा एवं अन्य भूमिका में जुही कुमारी, कोमल प्रजापति, करन दीक्षित, अभय प्रताप सिंह, अनामिका रावत, चंद्रभाष सिंह एवं ढोलक वादान बृजेश कुमार चौबे ने किया। इस अवसर पर दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

चंद्रभाष सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने बुधवार को देशभर में एक साथ 1500 नाटकों का प्रदर्शन कर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया है। भारतीय रंगमंच ही नहीं विश्व रंगमंच के इतिहास में यह पहला मौका था जब एक साथ देश के विभिन्न शहरों में 1500 रंग मंडलियों ने एक समय पर एक साथ नाटकों की प्रस्तुति दी। यह प्रस्तुतियां शाम 4 बजे हुई जिसका सजीव प्रसारण भी किया गया। इसके माध्यम से वसुधैव कुटुम्बकम् और वंदेभारत का संदेश भी प्रसारित किया गया।

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