प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर भड़की मायावती, बोलीं – धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक व्यवस्था को कम्युनल कहना गलत

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से दिए भाषण पर भड़क गई हैं। उन्होंने धर्मनिर्पेक्ष संवैधानिक व्यवस्था को कम्युनल कहना गलत बताया है।

मायावती ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल क़िले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म है।

इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा देश की अपार ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवासौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?मायावती ने कहा कि 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल क़िले से दिया गया भाषण काफी लम्बा-चौड़ा, किन्तु करोड़ों दलितों व आदिवासियों के आरक्षण आदि के हक की रक्षा के मामले में अत्यन्त निराशाजनक है।

जबकि सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त 2024 के निर्णय के बाद यह अति खास व ज्वलन्त मुद्दा है। इस बारे में भाजपा सांसदों को दिया आश्वासन भी प्रधानमंत्री को याद नहीं रहा, जबकि देश के एससी—एसटी वर्गों को ऐसा ही जातिवादी रवैया अपनाने की कांग्रेस से भी बड़ी शिकायत, क्योंकि इस पार्टी ने भी इनके उपवर्गीकरण व उन्हें बांटने पर भाजपा की तरह ही अभी तक चुप्पी साध रखी है, जो अनुचित है।

Related Articles

Back to top button